Bihar News: गया में महिला किसान जहां पहले खेतों में खुद हाथों से कीटनाशक दवा का छिड़काव करती थीं आज उन महिलाओं के हाथो में ड्रोन है. नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत जीविका दीदी को ड्रोन का प्रशिक्षण दिया गया. निःशुल्क नमो ड्रोन दिया गया है. नमो ड्रोन दीदी योजना से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी. साथ ही महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा. बोधगया के इलरा पंचायत सरकार भवन में कृषि सेवा उद्यमी केंद्र का संचालन किया जा रहा है जहां महिलाओ को कृषि संबंधी जानकारी दी जा रही है. 21 दिनों का यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है.


ड्रोन से हैं कई फायदे- जीविका दीदी 


जिले के खिजरसराय प्रखंड से आई जीविका दीदी रूपा कुमारी ने बताया कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत हैदराबाद में जनवरी 2024 में ड्रोन का प्रशिक्षण लिया था. आज वह अपने खेतों में ड्रोन से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रही हैं. बताया कि ड्रोन से कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने से पानी का बचाव, शरीर पर कीटनाशक दवाओं का प्रभाव बंद होना और खेतों में लगे फसलों पर बराबर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव संभव हो रहा है. कम समय में ज्यादा खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो रहा है. 10 लीटर पानी से 1 एकड़ खेतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव हो जा रहा है.


महिलाओं का बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर- प्रशिक्षक 


जीविका से जुड़े राहुल कुमार ने बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की है. इसके तहत जीविका दीदी को ड्रोन उड़ाने, डाटा विश्लेषण करने और ड्रोन से रखरखाव से संबंधित प्रशिक्षण देकर नमो ड्रोन दिया गया है. कृषि सेवा उद्यमी केंद्र के जरिए महिलाओ को खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं की जानकारी जानकारी दी जा रही है. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद महिलाओ को खाद और बीज बिक्री का लाइसेंस दिया जाएगा जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकेंगी. बता दें कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत प्रशिक्षण लेने के बाद गांव में महिलाएं बेहतर कमाई कर रही हैं और अपनी आजीविका चला रही हैं.


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