झारखंड हाईकोर्ट ने पूछा- किसके आदेश से रिम्स डायरेक्टर के बंगले में शिफ्ट हुए लालू प्रसाद यादव
कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आरजेडी सुप्रीमो को रिम्स के पेइंग वार्ड से रिम्स के डायरेक्टर के बंगले में किसके आदेश से शिफ्ट किया गया था और बाद में अब फिर वहां से पेइंग वार्ड में किसके आदेश से लाया गया है?
पटना: चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने लालू प्रसाद को सजा के दौरान दी गई विशेष सुविधा और छूट के बारे में झारखंड सरकार से जवाब तलब किया. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आरजेडी सुप्रीमो को रिम्स के पेइंग वार्ड से रिम्स के डायरेक्टर के बंगले में किसके आदेश से शिफ्ट किया गया था और बाद में अब फिर वहां से पेइंग वार्ड में किसके आदेश से लाया गया है?
कोर्ट ने कैदियों से मुलाकात और सुरक्षा के लिए सरकार की एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिड्योर) की भी विस्तृत जानकारी मांगी. ऐसे में इस मामले में सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कोर्ट के बताया कि कैदियों के मिलने और उनकी सुरक्षा को लेकर एक एसओपी बनाया गया है. अगर लालू प्रसाद से किसी को मिलना है तो उन्हें 15 दिन पहले आवेदन देना पड़ता है.
दरसअल, पिछले दिनों सजायाफ्ता लालू यादव ने रिम्स डायरेक्टर के बंगले से कथित तौर एनडीए एमएलए को कॉल किया था और सरकार गिराने के लिए उनसे उनका समर्थन मांगा था. इसके बदले में उन्हें मंत्री बनाने का लालच दिया था. इस कथित बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद बवाल मच गया था. सभी लालू पर जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग कर रहे थे. साथ ही इस मामले में झारखंड सरकार से भी सफ़ाई देने की अपील कर रहे थे.
यह भी पढ़ें-
बिहार: कैमूर में बस ने उत्पाद विभाग कर्मी को रौंदा, वाहन चेकिंग के दौरान हुआ हादसा बिहार: विवादों में घिरीं नीतीश सरकार की मंत्री शीला मंडल, वीर कुंवर सिंह को लेकर दिया था विवादित बयान