बिहार के जाले में निकला जिन्ना का जिन्न! क्या एक टिकट कांग्रेस को सभी सीटों पर महंगा पड़ेगा?
जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि जाले में कांग्रेस को उम्मीदवार देना था और कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार दे दिया अब लोग विरोध कर रहे हैं कि वो जिन्नावादी है. जिन्ना की तस्वीर लगते हैं और उनपर देशद्रोह का मामला भी हुआ था तो ये कांग्रेस के लिए नई बात नहीं.
पटना: कांग्रेस के नेता और जाले के पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा ने कहा कि मिथिलांचल और जाले विधानसभा के साथ हमारे अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भद्दा मजाक किया है. मिश्रा ने कहा कि महात्मा गांधी की पार्टी रही है कांग्रेस उनकी सोच की पार्टी रही है, उन्होंने कांग्रेस पार्टी बनाई थी और आज हम जिन्ना जिसने देश का बंटवारा किया वैसी सोच रखने वालों को टिकट दिया जा रहा है.
ऋषि मिश्रा ने कहा, ''हमारे बाबा पूर्व रेलवे मंत्री एल एन मिश्रा की पार्टी है, हमारे परिवार ने मिलकर कांग्रेस पार्टी बनाई थी और हम अपने आंखों के सामने ये नहीं देख सकते कि जिन्ना की सोच रखने वाले के साथ कांग्रेस खड़ी हो जाए. कौन जाएगा उसके लिए वोट मांगने, क्या राहुल गांधी जाएंगे, उसको साथ मंच साझा करेंगे?''
जिन्ना की तस्वीर पर बात करते हुए मिश्रा ने कहा, ''जिन्ना की तस्वीर जिसने अपने ऑफिस में लगाई जिसपर केस भी है उसके लिए क्या कांग्रेस वोट मांगने जाएगी? इसलिए मेरा आग्रह है कांग्रेस पार्टी से अभी भी समय है कांग्रेस पार्टी को इसपर फिर से फैसला लेना चाहिए, जो गलती हुई है उसे सुधारना चाहिए, हमारे अध्यक्ष कहते हैं कि सोनिया जी ने टिकट दिया है एक तरफ एक व्यक्ति के लिए इतनी दुश्मनी निकाल रहे हैं कि ऋषि मिश्रा को टिकट मिला तो हम इस्तीफा दे देंगे, अपना कुर्ता फाड़ने लगे, इस मेरा विरोध करना है विरोध करे पर इतना नीचे गिरने की क्या जरूरत है आपको टिकट ही देना था किसी को दे देते कोई अफसोस नहीं होता पर जिन्ना के मानने वाले लोग को आप टिकट देते हैं तो ये कांग्रेस पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है.''
जेडीयू नेता अजय आलोक ने कहा कि जाले में कांग्रेस को उम्मीदवार देना था और कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार दे दिया अब लोग विरोध कर रहे हैं कि वो जिन्नावादी है. जिन्ना की तस्वीर लगते हैं और उनपर देशद्रोह का मामला भी हुआ था तो ये कांग्रेस के लिए नई बात नहीं. नेहरू और जिन्ना के प्यार को पूरा देश जानता है उन्होंने देश का विभाजन करा दिया, दोनो एक दूसरे के सौतेले भाई थे, उसी डाह में कांग्रेस ने भारत का विभाजन करा दिया और यहां फिर से जिन्ना पर प्यार आया तो जिन्नावादी को टिकट दे दिया, प्रदेश अध्यक्ष अपना वर्चस्व चाहते हैं, कांग्रेस के लिए ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है 'नर्क में भी ठेलम ठेल' मरी हुई पार्टी में भी इतनी मारपीट हो रही है कि हमें देखकर हंसी आ रही है.
आरजेडी के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि हर चुनाव में हमारे विरोधियों को जिन्ना, पाकिस्तान और आतंकवादी याद आते हैं, हमलोग मौलाना मजरुल हक और डॉ ए पी जे कलाम को मानने वाले लोग हैं, और इसी जिन्ना के मजार पर लाल कृष्ण आडवाणी ने चादरपोशी किया था, नीतीश कुमार ने भी किया था, लालकृष्ण आडवाणी ने तो कहा था कि हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे जिन्ना, इसपर क्या बोलेंगे? भुखमरी और बेरोजगारी पर क्या बोलेंगे? आप जनता की अदालत में है और जनता सबक सिखा देगी, लेकिन जो चुनाव में जिन्ना को याद कर रहे हैं जनता उनको ठिकाना लगा देगी.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद जाले टिकट विवाद पर कहा अगर ऐसा है तो ये कांग्रेस की सच्चाई है, वोट के लिए किसी हद तक जा सकते हैं, जनता इसका जवाब देगी. कांग्रेस का कोई नया चेहरा नहीं, वोट के लिए कभी कोई जनेऊ धारण करता है तो कभी मंदिर में जाता है फिर राम जन्मभूमि के सुनवाई को रोकने के लिए उनके नेता इंटरफेयर करते हैं तो कभी कहते हैं कि पूरे कुंभ मेले को ही बंद कर दो तो कभी कुछ तो कांग्रेस वोट के लिए कुछ भी कवर सकती है और इसमे रोचक ये है कि महागठबंधन में एक तरफ राजद और एक तरफ कांग्रेस और बगल में माले खड़ी है तो इससे बड़ा क्या हो सकता है.