पटना: बीपीएससी (BPSC) ने शिक्षक भर्ती (BPSC Teacher Recruitment) के रिजल्ट के बाद बीते बुधवार (25 अक्टूबर) को कट ऑफ लिस्ट को भी जारी कर दिया. लगातार रिजल्ट के बाद से शिक्षक अभ्यर्थी हंगामा कर रहे थे. बुधवार को भी बीपीएससी कार्यालय के बाहर छात्र नेता और शिक्षक अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया था. शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि फर्जी डिग्री पर बहाली ली जा रही है. इन सबके बीच इसको लेकर एक बार फिर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने इंडिया गठबंधन पर हमला बोला है.


गुरुवार (26 अक्टूबर) को जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा कि "सूबे के बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में जॉब फॉर मनी स्कैंडल को लेकर यदि ईडी की एंट्री होगी तो घमंडिया गठबंधन के लोग कहेंगें चुनाव है, तो छापेमारी हो रही है. नियुक्ति घोटाला हो या ट्रांसफर-पोस्टिंग घोटाला ईडी की एंट्री होनी चाहिए. मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी नहीं बचने वाला."



इसके पहले नीतीश सरकार पर लगाया था आरोप


पूर्व मुख्यमंत्री और हम नेता जीतन राम मांझी पहले भी इस मुद्दे पर नीतीश सरकार पर हमला कर चुके हैं. बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति को लेकर गंभीर आरोप लगा चुके हैं. जीतन राम मांझी ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को एक्स पर लिखा था, "बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता है. आरक्षण की अनदेखी कर यह नियुक्ति रेलवे के लैंड फॉर जॉब के तर्ज पर मनी फॉर जॉब स्कीम के तहत की गई है. पैसा दो सरकारी नौकरी लो घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. बिहार सरकार ने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया है."


दरअसल, बिहार में शिक्षकों की बहाली के लिए सरकार ने करीब 1 लाख 70 हजार 461 पदों पर भर्ती निकाली थी. रिजल्ट के बाद सिर्फ 1.22 लाख पद ही भरे जा सके हैं. दो नवंबर को सीएम नीतीश गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.


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