(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पशुपति पारस और अमित शाह की मुलाकात पर जीतन राम मांझी का बड़ा बयान, कहा- 'निकट भविष्य में...'
Bihar Politics: गया के गोदावरी स्थित अपने आवास पर जीतन राम मांझी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने झारखंड की राजनीति पर भी बहुत कुछ कहा है.
Jitan Ram Manjhi: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने बीते सोमवार (26 अगस्त) को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की जिसके बाद अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने बड़ा बयान दिया है. गया के गोदावरी स्थित अपने आवास पर जीतन राम मांझी ने मंगलवार (27 अगस्त) को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
पशुपति पारस की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, "पशुपति पारस एनडीए में थे और मंत्री भी थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला और वे मंत्री नहीं बने और अभी भी वो हैं. वो गए हैं अमित शाह से मिलने तो अच्छी बात है. निकट भविष्य में पशुपति पारस जी से मैं भी मिलूंगा."
चंपाई सोरेन को लेकर क्या बोले मांझी?
वहीं दूसरी ओर झारखंड में उठे सियासी तूफान पर मांझी ने कहा, "चंपाई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री थे. अच्छा काम कर रहे थे. ठीक है उनको मुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन उनसे राय ली जाती, त्याग पत्र देने को कहा जाता. ऐसा ना करके उनके सारे कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया और इधर नेता चुन लिया गया, तो उनको अपमानित किया गया. अपमानित होने के बाद चंपाई सोरेन ने खुद कहा था कि मेरे सामने तीन विकल्प हैं. उसमें से एक विकल्प ये भी है कि हम दूसरे साथी को चुनें. ये तो उनकी बात है. इसके बारे में हम क्या कहें, लेकिन ये बात जरूर कहते हैं कि उनके साथ अपमानजनक बातें हुईं. उसके लिए वह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र थे. उन्होंने निर्णय लिया. अपने ढंग से उन्होंने ठीक ही किया. उसके बारे में हमको कुछ नहीं कहना है."
उधर बीते सोमवार को मांझी ने ट्वीट कर लिखा था, "कश्मीर में चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान और हिजबुल के साथ भी गठबंधन कर सकती है." इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने ट्वीट नहीं किया है. यह एनडीए का सामान्य रुख है. अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और अन्य जो पाकिस्तान समर्थक बयान देते हैं, अनुच्छेद 370 का समर्थन करते हैं, वो वहां एससी एसटी के आरक्षण का विरोध करते हैं और उसी के साथ कांग्रेस का गठबंधन हो गया है. यह स्पष्ट है कि कांग्रेस का गठबंधन इसका समर्थन करेगा और उनका एजेंडा अनुच्छेद 370 को वापस लाना है. इसीलिए मैंने ट्वीट किया है.''
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