पटना: पंडितों के संबंध में आपत्तिजनक बयान देने के बाद विवादों में घिरे बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के तेवर नरम पड़ते नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने बुधवार को प्रदेश के गया जिले के बोधगया स्थित अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. यहां उन्होंने बताया कि पटना के कालिदास रंगालय में उनके समाज का एक कार्यक्रम था. इसमें उन्होंने अपने समाज के उत्थान के लिए कुछ शब्दों का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा था कि वे लोग भीम राव अंबेडकर के नालायक बच्चे हैं. उनका कहना था कि आरक्षण सभी जगह होनी चाहिए थी. समाज हित में जय भीम ने 1956 में बौद्ध धर्म को अपनाया था. चूंकि हिन्दू धर्म में कई विकृतियां हैं. उन्होंने कहा कि दलितों को जाति के बंधन को तोड़ना चाहिए. मुसहर समाज कभी सत्यनारायण की पूजा नहीं करते थे. लेकिन अब सभी मुसहर टोली में सत्यनारायण की पूजा होने लगी है. खैर ये उनकी मर्जी है.
बार-बार गाली देने की कही बात
मांझी ने कहा, " मैंने कहा था कि जो ब्राह्मण, पंडित, पुजारी मांस-मदिरा का सेवन व कुकर्म करते हैं, वे लोग मुसहर समाज को मूर्ख बनाते हैं. मूर्ख इस मामले में बनाते हैं कि श्राद्ध हो या पूजा सभी में हनुमान चालीसा पढ़कर चले जाते हैं. हमने वैसे लोगों को अपशब्द कहा है और बार-बार कहेंगे. वहीं, हमने बताया कि वैसे मूर्ख बनाने वाले पंडितों से पूजा कराने से क्या फायदा है."
उन्होंने कहा कि जिस शब्द का हमने प्रयोग किया था, मगध क्षेत्र में उसे गाली नहीं माना जाता है. आपस में घर में भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसी क्रम में व लहजे में मेरे शब्द निकले थे. वैसे पंडितों से पूजा ना कराए जो मुसहर समाज को मूर्ख बनाए. चूंकि पुजारी और ब्राह्मण में काफी अंतर है. इससे अगर ब्राह्मण समाज को ठेस पहुंची है, तो हमने दो बार माफी भी मांगी है. लेकिन इसके बाद भी देख रहे हैं कि लोग विरोध व प्रतिक्रिया देने में जुटे हैं. हमने तो अपने समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए बातें कही थीं. हम तो ब्राह्मणों का सम्मान करते हैं क्यूंकि उन्हें ब्रह्म का ज्ञान होता है. वहीं, बीजेपी नेता गजेंद्र झा के बयान पर उन्होंने कहा कि पार्टी समझे कि वो आगे क्या करेगी.
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