पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को धरना की अनुमति नहीं मिली. मंगलवार (14 नवंबर) को 11.30 बजे से धरना कार्यक्रम था. सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की ओर से सदन में की गई अमर्यादित टिप्पणी के खिलाफ मौन धरना देने के लिए जीतन राम मांझी पटना हाई कोर्ट स्थित आंबेडकर स्मारक के पास पहुंचे थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी. ऐसे में धरना स्थगित हो गया.
इसके बाद जीतन राम मांझी और उनके लोगों ने गेट के बाहर ही प्रदर्शन किया. इस दौरान जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर अपनी भड़ास निकाली. कहा कि विधानसभा में मेरा अपमान किया गया. इन्हें संविधान और जनतंत्र से कोई मतलब नहीं है. हमारे जैसे एससी समाज के वरीय नेता को, जो उनसे (नीतीश) भी बड़े हैं, उनके लिए तू-तड़ाक की भाषा का प्रयोग करना उनके घमंडी व्यवहार को दर्शाता है. जीतन राम मांझी का अपमान नहीं है ये बिहार का और देश के दलितों का अपमान है.
'आरजेडी ने नीतीश कुमार को बनाया मुख्यमंत्री'
जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा, "हम कहते हैं कि आपको (नीतीश) बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया है और धोखा देकर आप आरजेडी में गए हैं. अब आरजेडी ने आपको मुख्यमंत्री बनाया है. आप कहां खुद मुख्यमंत्री बने हैं? आप भी तो इसी तरीके से गुलमुल करके, पलटू राम बनकर सत्ता में हैं."
'प्रार्थना करेंगे कि नीतीश कुमार को सद्बुद्धि दें'
आगे मांझी ने कहा कि आज हम लोग बाबा भीमराव आंबेडकर के चरणों में माला अर्पित कर कर यह मांग कर रहे थे कि नीतीश कुमार को सद्बुद्धि दें. आज यहां गेट का ताला नहीं खोला गया. विधानसभा में भी बोलने का मौका नहीं दिया गया. छठ पूजा के बाद दिल्ली जाकर राजघाट में महात्मा गांधी की मूर्ति के पास जाकर प्रार्थना करेंगे कि नीतीश कुमार को सद्बुद्धि दें. उनके दिमाग का दिवालियापन हो गया है. ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई हक नहीं है.
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