जीतन राम मांझी ने प्रशांत किशोर को समझाया परिवारवाद का मतलब, बताया बहू को क्यों दिया टिकट
Jitan Ram Manjhi: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी गया के इमामगंज में पत्रकारों से बात कर रहे थे. परिवारवाद को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर पढ़िए उन्होंने क्या बयान दिया है.
Bihar ByPoll 2024: बिहार में 13 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है. इसमें से एक सीट इमामगंज है जहां से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की बहू दीपा मांझी (Deepa Manjhi) चुनाव लड़ रही हैं. दीपा मांझी को मैदान में उतारने के बाद परिवारवाद को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. अब जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया है कि परिवारवाद किसे कहते हैं और आखिर दीपा मांझी को क्यों मौका दिया गया है. वे बीते रविवार (03 नवंबर) को गया के इमामगंज में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
परिवारवाद पर जीतन राम मांझी ने कही ये बात
इस सवाल पर कि प्रशांत किशोर लोगों से बोल रहे हैं कि नेताओं के परिवार के लिए नहीं बल्कि अपने परिवार के लिए वोट दें. इस पर जीतन राम मांझी ने कहा, "उनको (प्रशांत किशोर) परिवार की परिभाषा जाननी चाहिए. लालू यादव के परिवार के जैसा नहीं, तेज प्रताप यादव कहां कबड्डी खेल रहे थे और एमएलए-मंत्री हो गए. तेजस्वी यादव कहां क्रिकेट खेल रहे थे और मंत्री-एमएलए हो गए."
दीपा मांझी को योग्यता के बल पर दिया गया मौका
आगे जीतन राम मांझी ने कहा, "लालू की बेटी रोहिणी आचार्य सिंगापुर में रहने वाली, आ गई लड़ गई, तो परिवारवाद उसको कहते हैं. हमारे परिवार की बात रही तो कह चुके हैं कि दीपा मांझी जिला परिषद की सदस्य रही हैं. ये कर्मठ लड़की है. हर तरह से व्यवहारिक है. वक्ता है. परिवार के बल पर नहीं बल्कि योग्यता के बल पर मौका दिया गया है."
#WATCH | Gaya, Bihar | On Jan Suraaj Chief Prashant Kishor's statement, Union Minister Jitan Ram Manjhi says, He (Prashant Kishor) gives statements, but he should know the definition of family. The family should not be like that of Lalu Yadav, where Tej Pratap (Yadav) was playing… pic.twitter.com/sETcdw2vWt
— ANI (@ANI) November 4, 2024
दीपा मांझी भी परिवारवाद पर दे चुकी हैं अपना जवाब
बता दें कि परिवारवाद को लेकर दीपा मांझी भी बयान दे चुकी हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा था कि बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से सांसद के बेटे आरजेडी से चुनाव लड़ रहे हैं. हमारी जब शादी हुई उस वक्त मेरे पति डॉ. संतोष कुमार एमएलसी भी नहीं थे. पापा (जीतन राम मांझी) सीएम भी नहीं बने थे. उस वक्त हम राजनीति में आए जिला परिषद सदस्य रहे हैं.
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