पटना: अपने क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से 1000 करोड़ रुपये की मांग के साथ-साथ गठबंधन तोड़ने की धमकी देकर हम (HAM) सुप्रीमो जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manhi) ने सूबे का सियासी पारा चढ़ा दिया है. कयासों का दौर शुरु हो गया है. तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं. इसी बीच बुधवार को एबीपी न्यूज से खास बातचीत कर मांझी ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये की मांग क्यूं की है. वहीं, गठबंधन में रहने को लेकर भी उन्होंने अपना स्टैंड क्लियर किया है.
हम नीतीश कुमार का सपना करेंगे साकार
मांझी ने कहा कि हम ये (चोरी से एक हजार करोड़ की बजट बनाने वाली बात) केवल अपने क्षेत्र के बारे में क्यों कहेंगे. ये तो पूरे बिहार का मामला है. हमने 1000 करोड़ रुपये मांगे हैं, पर इसमें कोई राजनीतिक बात नहीं है. नीतीश कुमार ने भी माइनर इरिगेशन विभाग हमारी पार्टी को ये जानकर ही दिया है कि हम दक्षिणी बिहार से आते हैं और यहां ही माइनर इरिगेशन की संभावना है. यहां कई जगह ऐसे हैं जहां चेक डैम की जरूरत है, नाले की जरूरत है, बांध को बनाने की जरूरत है. इससे दो फायदे होंगे, एक कृषि के क्षेत्र में और दूसरा जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को बल मिलेगा. हम उन्हीं के उद्देश्यों को और मजबूती प्रदान करना चाहते हैं.
फिर से मांझी ने दी धमकी
क्या विभाग के पास काम करने के लिए पैसे नहीं हैं? के सवाल पर उन्होंने कहा कि पैसे हैं, काम भी होता आया है. काम करने का अपना-अपना तरीका होता है. विभाग को पांच से छह सौ करोड़ का बजट मिला है, लेकिन यहां आकर देखा तो पाया गया कि चार से पांच करोड़ तो पुराने काम जो पहले किए गए हैं, उसके पेमेंट में चले जाएंगे. तब केवल 50 करोड़ रुपये बचते हैं. अब इतने कम पैसे क्या किया जा सकता है. इसलिए ही हमने कहा है कि हमारे लोगों ने एस्टीमेट बना कर रखा हुआ है. ऐसे में अगर 1000 करोड़ रुपये मिलते हैं तो हम हर ओर काम करेंगे. हमें उम्मीद है कि रुपये मिलेंगे. लेकिन हम नहीं मिले तो हम पक्का नीतीश कुमार को चमका देंगे. हम चमक भी सकते हैं.
चमकना क्या है? के सवाल पर उन्होंने कहा कि चमकने का मतलब है रूठ सकते हैं, गुस्सा कर सकते हैं. लेकिन गुस्सा का मतलब ये नहीं है कि हम एनडीए छोड़ देंगे. हां, अगर मांग पूरी नहीं हुई तो निजी रिश्तों में तो कड़वाहट आएगी ही. कड़वाहट का परिणाम क्या होगा ये बाद की बात है. लेकिन अभी हम नीतीश कुमार के साथ है.
जनता को खुश करने के लिए कही ये बात
दिखावे के लिए विभाग देने की बातपर उन्होंने कहा कि पहले काम हुआ है, तब न इतना बिल हो गया है. इस संबंध में हमारी नीतीश कुमार से शीतकालीन सत्र के दौरान भी बातचीत हुई है. उन्होंने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन मुझे लगता है कि वे मान जाएंगे. बयान के संबंध में उन्होंने कहा कि जनता को खुश करने के लिए बहुत सी बातें होती हैं. चूंकि हमलोग आठ बार चुनाव लड़े हैं. तो कभी-कभी उत्साहपूर्वक कुछ ऐसी बात बोलते हैं, जिससे वो खुश होते हैं. उनको खुश करने के लिए ऐसा कहा है.
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