Bihar Politics: पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय जीतन राम मांझी और बिहार सरकार के उत्पाद मंत्री रत्नेश सदा बिहार में शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया था. जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार को घेरते हुए शराबबंदी पर सवाल उठाया था. वहीं, इस पर अब बीजेपी की प्रतिक्रिया आई है. बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता जनक राम ने शनिवार को कहा कि बिहार में शराबबंदी से सबसे ज्यादा फायदा दलित समाज को हुआ है. जीतन राम मांझी और रत्नेश सादा ने अपना कुछ अनुभव बताया है तो उस पर सियासत नहीं होनी चाहिए.


होम डिलीवरी के सवाल पर क्या बोले जनक राम?


जनक राम ने कहा कि जीतन राम मांझी बिहार के मुखिया रह चके हैं और रत्नेश सदा हमारे मंत्री हैं अगर उन्होंने शराबबंदी को लेकर कुछ बातें कही हैं तो आपके माध्यम (मीडिया) से जनता को उजागर करने का काम किया है. आगे उन्होंने कहा कि शराब की होम डिलीवरी की जो बातें आ रही हैं तो कौन करवा रहा है? उसके पीछे अगर जांच हो तो स्पष्ट हो जाएगा. दलितों को बदनाम करने के एक साजिश और षड्यंत्र चल रहा है.


आगे उन्होंने कहा कि शराब से अनुसूचित जाति, जनजाति, कमजोर वर्ग के लोग ही कहीं ना कहीं अपंग हो रहे थे और कमजोर हो रहे थे. इस वर्ग के बच्चे पढ़ने से वंचित हो रहे थे. कमाते कम थे खर्चा ज्यादा करते थे. शराबबंदी से तो सरकार को गरीब, दलित परिवार की महिलाएं धन्यवाद दे रही हैं.


जीतन राम मांझी और रत्नेश सदा ने उठाए थे सवाल


बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में गरीब शराब पीते हैं तो जेल जाते हैं, लेकिन सफेदपोश वाले को पुलिस नहीं पकड़ती है. आगे उन्होंने कहा था कि शराबबंदी के वे पक्षधर हैं, लेकिन इस कानून के क्रियावन में कई त्रुटियां हैं. वहीं, जीतन राम मांझी से पहले बिहार सरकार के मध्य निषेध विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा था कि दलित समाज के लोग कुछ पैसे के लिए शराब माफियाओं के संपर्क से शराब बेचते हैं. इसके बाद बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे.


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