बेटियों को 33% आरक्षण से संतुष्ट नहीं मांझी, नारी सशक्तिकरण के लिए नीतीश कुमार से की ये मांग
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, " हम पार्टी की चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार नारी सशक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए हमारी मांग है कि सामान्य शिक्षा एवं व्यवासायिक शिक्षा में लगी छात्राओं की मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाए."
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री राज्य की बच्चियों और महिलाओं को सशक्त करने लिए हमेशा से पहल करते रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार की बेटियों के लिए बड़ा किया. मुख्यमंत्री ने ये आदेश जारी किया कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में बिहार की बेटियों के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित किया जाए. ऐसा करने से बच्चियां तकनीकी शिक्षा की ओर और आकर्षित होंगी.
मांझी ने ट्वीट कर की ये मांग
मुख्यमंत्री के इस फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है. सभी बच्चियों की भविष्य के लिए, लिए गए नीतीश कुमार के इस फैलसे को सराह रहे हैं. हालांकि, एनडीए घटक दल हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. गुरुवार को उन्होंने ट्वीट कर कहा, " मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों को 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए नीतीश कुमार को धन्यवाद. हम पार्टी की चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार नारी सशक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए हमारी मांग है कि सामान्य शिक्षा एवं व्यवासायिक शिक्षा में लगी छात्राओं की मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाए."
मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों को 33% आरक्षण देने के लिए मा.@NitishKumar जी को धन्यवाद।#HAM की चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार नारी शसक्तीकरण को ध्यान में रखते हुए हमारी मांग है कि सामान्य शिक्षा एवं व्यवासायिक शिक्षा में लगे छात्राओं को मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाय।
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) June 3, 2021
मालूम हो कि बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंजीनियरिंग और मेडिकल विश्वविद्यालय स्थापित करने के संबंध में प्रस्तावित विधेयक का प्रेजेंटेशन दिया गया था. प्रेजेंटेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि इंजीनियरिंग और मेडिकल विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों और मेडिकल काॅलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन हो सकेगा. साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य को बेहतर ढंग से नियंत्रित भी किया जा सकेगा.
तकनीकी शिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी
मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य के इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाए. इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी. यह यूनिक चीज होगा. इससे छात्राएं उच्च और तकनीकी शिक्षा की ओर और ज्यादा प्रेरित होंगी.
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