पटनाः बिहार में इन दिनों जातिगत जनगणना (Caste Based Census) को लेकर सियासत तेज हो गई है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) जातीय जनगणना की मांग करते आ रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने जातीय जनगणना का विरोध करने वालों पर निशाना साधा. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि अपने नाम में टाइटल लगाकर जाति बताने वालों को जातिगत जनगणना से डर क्यों है?


गुरुवार को किए गए ट्वीट में जीतन राम मांझी ने कहा कि, “जो आज जातिगत जनगणना का विरोध कर रहें है वह असल मायने में संविधान और बाबा अंबेडकर के विरोधी हैं. संविधान में समाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रवधान है ना कि आर्थिक तौर पर पिछड़ों के लिए. नाम में टाइटल लगा अपनी जाति बताने वालों आपको जातिगत जनगणना से डर क्यों है?”






कुछ दिनों पहले भी जीतन राम मांझी ने किया था ट्वीट


गौरतलब हो कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी जातीय जनगणना लो लेकर हमेशा पक्ष में रहे और विरोध करने वालों पर सवाल उठाते रहे हैं. कुछ दिनों पहले भी उन्होंने एक ट्वीट किया था उसमें मांझी ने कहा था, "जब देश में सांप, बाघ, बकरी की जनगणना हो सकती है तो फिर जातियों की क्यों नहीं? देश के विकास के लिए जातिगत जनगणना जरूरी है. पता तो लगे कि किसकी कितनी आबादी है और उसे सत्ता में कितनी भागीदारी मिली."


हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्ता दानिश ने भी कहा था कि, “हमारा एजेंडा साफ है कि जब देश में सांप छुछुन्दर और बिल्लियों की गिनती हो सकती है, तो जाति अधिकारी जनगणना से लोग क्यों भाग रहे हैं.


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