जीतन राम मांझी की 'अटपटी' मांग, कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी हो PM मोदी की फोटो
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, " अगर कुछ लोगों को लगता है कि सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी होनी चाहिए तो हमारा आग्रह है कि राष्ट्रपति के साथ पीएम और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर लगाई जाए."
![जीतन राम मांझी की 'अटपटी' मांग, कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी हो PM मोदी की फोटो Jitan Ram Manjhi's 'strange' demand, PM Narendra Modi's photo should be on the death certificate of those who died from Corona ann जीतन राम मांझी की 'अटपटी' मांग, कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी हो PM मोदी की फोटो](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/05/24/66f93909121119c8e3aad1ec38bf2a40_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: कोरोना वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो को लेकर विवाद जारी है. विपक्ष के नेताओं के साथ ही एनडीए सहयोगी दल के नेता भी सर्टिफिकेट पर लगी पीएम मोदी की फोटो पर आपत्ति जता रहे हैं. इसी क्रम में बिहार एनडीए में शामिल हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने फ़ोटो लगाने को लेकर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह वैक्सीनेशन की सर्टिफिकेट पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर है, उसी तरह कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर होनी चाहिए.
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कही ये बात
जीतन राम मांझी ने सोमवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, " वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए. यही न्याय संगत होगा." हालांकि बाद में उन्होंने अपनी ये ट्वीट डीलिट कर दी. इससे पहले उन्होंने रविवार की रात को ट्वीट कर कहा था, " को-वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं, इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर हो."
हम प्रवक्ता ने कही ये बात
इधर, इस पूरे मामले में हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, " हमारी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि हमारे देश के संवैधानिक संस्थानों के सुप्रीम राष्ट्रपति होते हैं. इस नाते वैक्सीन की सर्टिफिकेट पर उनकी ही तस्वीर लगी होनी चाहिए. कुछ लोग कह रहे हैं कि लोगों में विश्वास जगे, इस वजह से प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाई जा रही है. ऐसे में मैं वैसे लोगों को बता देना चाहता हूं कि सरकारी डेटा कहता है कि इस देश के एक प्रतिशत दलित-आदिवासी भाई बहनों ने भी वैक्सीनेशन नहीं कराई है. ऐसी परिस्थिति में देश के राष्ट्रपति जो दलित हैं, उनकी तस्वीर लगाई जाए, जिसे देख लोगों के मन में विश्वास जगेगा."
दानिश रिजवान ने कहा, " अगर कुछ लोगों को लगता है कि सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी होनी चाहिए तो हमारा आग्रह है कि राष्ट्रपति के साथ पीएम और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर लगाई जाए. अगर वैक्सीन सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगवा रहे हैं, तो कोरोना से मरने वालों के डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी तस्वीर होनी चाहिए. अगर वाह-वाही लूट रहे हैं तो गाली सुनने के लिए भी तैयार रहना होगा. अगर चेहरा चमका रहे हैं, तो डेथ सर्टिफिकेट पर भी उनकी ही तस्वीर लगेगी न. मतलब चेहरा चमकाईये आप और गाली सुने कोई और. अब ये नहीं चलेगा."
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