पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) बराबर शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर सवाल उठाते रहे हैं. इसको लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं. वहीं, एक बार फिर उन्होंने शराबबंदी को लेकर बयान दिया है. शनिवार को उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) समय-समय पर शराबबंदी को लेकर समीक्षा बैठक करते रहे हैं. नीतीश कुमार जल्द इसको लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने वाले हैं और उम्मीद है कि उसमें लचीलापन लाया जाएगा लेकिन इस दौरान जो लोग परेशान हैं जीतन राम मांझी ने उसकी वजह ने सरकारी पदाधिकारियों को बताया.


सर्वदलीय बैठक में मांझी शराबबंदी को लेकर देंगे सुझाव


जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी कानून के तहत अधिकांश गरीबों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों की मनमानी की वजह से गरीब-गुरबा लोग जेल में बंद हैं. शराबबंदी कानून के तहत गरीब लोगों पर ज्यादा मामला दर्ज किया गया है. 70 प्रतिशत लगभग गरीब लोग ही इसमें पीड़ित हैं. सर्वदलीय बैठक में मेरे तरफ से यही सुझाव रहेगा कि पीने वाले को दो से ढ़ाई महीने का ही जेल की सजा हो. कानून में सुधार कर उसे छोड़ देना चाहिए. वहीं, जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने वाले बीजेपी के बयान पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के बड़े नेता महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं.


शराबबंदी कानून पर कई बार उठा चुके हैं सवाल


बता दें कि बिहार में शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा है और इस पर सरकार किसी भी एंगल से झुकने को तैयार नहीं है, लेकिन जीतन राम मांझी कई बार इसको लेकर बयान दे चुके हैं. जीतन राम मांझी ने शराबबंदी कानून को हटाने तक की मांग कर चुके हैं. जीतन राम मांझी पूरी तरह से शराबबंदी के पक्ष में नहीं रहे हैं. इसको लेकर नीतीश सरकार से कई अपील कर चुके हैं कि इस नीति को लेकर एक बार विचार करने की आवश्यकता है.


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