पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने शराबबंदी को लेकर कई बार बयान दिया है. हाल ही में दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी उन्होंने कहा था कि शराबबंदी अच्छी है लेकिन फिर से इसकी समीक्षा की जरूरत है. अब सोमवार को उन्होंने एक बार फिर बयान दिया है कि जो भी आज पीने के चलते जेल में हैं उसका केस हटाकर उन्हें माफ किया जाए. उनको रिलीज किया जाए.


दिल्ली में दिए गए बयान में तो मांझी ने यहां तक कह दिया था कि जो क्वार्टर पीते हैं उन्हें नहीं पकड़ना चाहिए. उन्होंने कहा था कि शराबबंदी बहुत अच्छी चीज है, लेकिन जहां तक उसको अमल में लाने का सवाल है तो उसमें गड़बड़ियां हो रही हैं. बड़े लोग हैं, तस्कर लोग हैं वो बच जा रहे हैं. वो मालामाल हो रहे हैं. 70 प्रतिशत वैसे गरीब लोग जेल में बंद हैं जो आधा लीटर, क्वार्टर दारू पीकर पकड़े गए हैं. 


आरक्षण पर मांझी ने क्या कहा?


इधर, आरक्षण को लेकर मांझी ने कहा कि किसी 27 परसेंट है तो किसी को दस परसेंट आरक्षण है. सब मिलाकर अगर जोड़ते हैं तो 80 प्रतिशत के आसपास जनसंख्या का रिजर्वेशन आता है. हाल में जब संशोधन करके संविधान का सवर्णों के लिए दस परसेंट आरक्षण दिया गया. 49.5 से 59.5 किया गया. इस क्रम में जातीय जनगणना करवा कर जिसकी जितनी जनसंख्या हो उसको उतना आरक्षण मिलना चाहिए.


जीतन राम मांझी ने कहा कि अब तो झारखंड ने भी 49 प्रतिशत से आगे कर दिया तो फिर बिहार को करने में क्या दिक्कत है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि अब जनसंख्या के आधार पर चाहे 70 प्रतिशत हो या 80 प्रतिशत हमारी जनसंख्या हो उन सबको आरक्षण के दायरे को बढ़ाना चाहिए.


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