Bihar Politics: जीतन राम मांझी ने कहा- 'सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं', बोले- 'हमें भी मालूम है कि...'
Gaya News: गया में सोमवार को पत्रकारों से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बातचीत कर रहे थे. जीनत राम मांझी ने कहा कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए.
गया: बिहार के पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) के विवादित बयान पर सियासत तेज हो गई है. सोमवार (09 अक्टूबर) को बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने सुधाकर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए. लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अधिकार है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी लोकतांत्रिक तरीके से देश को आजाद कराया था. उस वक्त किसी के मुंह पर थूकने की बात नहीं आई थी. कई क्रांतियां हुईं. यह ओछी बात है. हमे भी मालूम है कि नीतीश कुमार के राज में पदाधिकारी बेलगाम हो गए हैं. जब हम साथ में थे तो कहा करते थे कि यहां पदाधिकारी मंत्री या विधायक की बातों को नहीं सुनते हैं. सिर्फ आपकी (नीतीश कुमार) बातों को सुनते हैं. यही कारण है कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ी है. लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के मुंह पर थूक दो, जूता का माला पहना दो.
जातीय गणना की रिपोर्ट पर भी दिया बयान
गया में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में मांझी ने जातीय गणना पर कहा कि हिंदुस्तान की शैक्षणिक स्थिति 80% है. एससी जाति में 28 से 30 प्रतिशत ही शिक्षित हैं. गरीबों की जनसंख्या को कम आंका गया है. एससी को दो भागों में बांटा गया है. 1931 में जिसकी आबादी 5 से 8 प्रतिशत हो गई, लेकिन एससी जाति में पहले 3 प्रतिशत था आज भी 3 प्रतिशत ही है जबकि यह रिपोर्ट है कि अमीरों की तुलना में गरीबों की जनसख्या ज्यादा बढ़ती है. एससी जाति में दुगुना या तीन गुना बढ़ोतरी होनी चाहिए थी.
मांझी ने कहा, "वह समझते हैं कि अभी बीजेपी से मुसलमान डर रहे हैं और मेरे साथ में चल रहे हैं, तो तुष्टिकरण के लिए उन्होंने (नीतीश कुमार) मुसलमानों के साथ बैठक बुलाई है. अब किसी और जाति के साथ भी बैठक बुलाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है कि आखिर गणना की रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए किसने कहा और क्यों की गई?"
इजराइल और हमास के बीच हुए युद्ध पर कहा कि ट्वीट के आधार पर कोई भी आतंकवादी घटना का विरोध करते रहे हैं. अपने ट्वीट से यू टर्न लेते हुए कहा कि उन लोगों ने फिलिस्तीन पर जानबूझकर किया है. अब जब समय गुजरा तो पॉलिटिकल नजरिया के अनुसार पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं. कई देशों ने भी इजरायल का समर्थन किया है. बताया कि जो ट्वीट किया गया है वह मेरा व्यक्तिगत ट्वीट था.
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