पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram manjhi) एक और मंत्री पद की मांग कर रहे थे. अब मंगलवार (6 फरवरी) को उनके बेटे संतोष कुमार सुमन (Santosh Kumar Suman) ने जो विभाग मिला है उसका पदभार लिया. एससी/एसटी कल्याण विभाग एवं सूचना प्रावैधिकी कुल 2 विभाग दिए गए हैं, लेकिन जीतन राम मांझी संतुष्ट नहीं.
संतोष कुमार सुमन ने पत्रकारों से बातचीत में बड़ा बयान दिया. कहा कि मेरे पिता जीतन मांझी जो भी बोल रहे हैं वह उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है. मैं उनके बयान पर कुछ नहीं बोलूंगा. एनडीए में मैं नाराज नहीं हूं. सब लोग एकजुट हैं. सब कुछ ठीक है. नाराजगी रहती तो मैं पदभार ग्रहण नहीं करता. हर मंत्रालय का अपना-अपना महत्व है. कल सीएम नीतीश से भी हम मिले थे. उनका आशीर्वाद लिए.
'महागठबंधन कोई खेल नहीं कर पाएगा'
संतोष सुमन ने कहा, "मेरे पिता जीतन मांझी जो बयान दे रहे हैं उस पर आप लोग उनसे ही बात करिए. 12 फरवरी को एनडीए सरकार बहुमत साबित करेगी. हमारी पार्टी 'हम' एनडीए में मजबूती से है. महागठबंधन कोई खेला नहीं कर पाएगा. महागठबंधन के कई विधायक एनडीए में आना चाहते हैं. तब ही न टूट के डर से कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया है."
संतोष मांझी ने सूचना प्रावैधिकी विभाग में मंगलवार को पदभार ग्रहण किया. बता दें जीतन राम मांझी लगातार एनडीए सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं कि उन्हें दो मंत्री पद मिलना चाहिए. गया में उन्होंने बयान दिया था कि 1984 से 2013 तक उनको अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया था. उनके बेटे को भी महागठबंधन सरकार में वही विभाग दिया गया था. अब फिर वही विभाग एनडीए सरकार में भी दिया गया है. वह अपनी पार्टी से विधायक अनिल सिंह को भी मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं. बता दें कि मांझी को मिलाकर 'हम' में चार विधायक हैं. उनके बेटे संतोष सुमन एमएलसी हैं.
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