Jitan Ram Manjhi: NDA में चाचा पशुपति से ज्यादा भतीजे चिराग को क्यों मिलनी चाहिए तवज्जो? मांझी ने बताई बड़ी वजह
Bihar Politics: एनडीए में चाचा पशुपति और भतीजे चिराग के बीच हाजीपुर सीट को लेकर विवाद जारी है. वहीं, इस मुद्दे पर जीतन राम मांझी ने शनिवार को बड़ा बयान दिया.
Jitan Ram Manjhi: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) की घोषणा के बाद 'हम' संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अपने आवास पर शनिवार को मीडिया से कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान चाचा पशुपति (Pashupati Paras) और भजीते चिराग (Chirag Paswan) के विवाद पर उन्होंने कहा कि पशुपति पारस पर प्रेशर बनाने का काम कर रहे हैं. ऐसे उनके साथ 4 एमपी थे जिसमें कुछ इधर-उधर भी हो गए हैं. उन्हें समझाया गया कि चिराग पासवान युवा हैं और उनके फॉलोअर्स ज्यादा हैं. ऐसी परिस्थिति में एनडीए (NDA) के शीर्ष नेताओं ने निर्णय लिया कि जो भी सीट है वह चिराग को मिलेगी. आपके व्यक्तित्व और प्रतिष्ठा के लायक आपको भी सीट मिलेगी. लेकिन इसके बाद भी वह नहीं मान रहे हैं.
जीतन राम मांझी ने कहा कि कभी आरजेडी में जाएंगे तो कभी कहते हैं हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे. कभी कहते हैं एनडीए के ईमानदार सिपाही हैं. यह दोनों बात कैसे हो सकती है? ईमानदार सिपाही अगर खुद को मानते हैं तो एनडीए के निर्णय को मानना चाहिए.
आज हो सकती है सीटों की घोषणा-जीतन राम मांझी
एनडीए में सीट बंटवारे के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है बहुत सी पार्टियां हैं. हम तो 1980 से चुनाव लड़ रहे हैं बहुत बार ऐसा हुआ है कि चुनाव की घोषणा के बाद 2 से 5 दिनों तक यानी नामांकन के समय तक सीट फाइनल होती है. यह क्षेत्रीय पार्टी का मामला नहीं है. यह पूरे हिंदुस्तान का मामला है. अंतरराष्ट्रीय पार्टी के रूप में बीजेपी है. सभी शीर्ष नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है आज रात (16 मार्च) को वहां बैठक होगी. शायद कल (17 मार्च) एनडीए में सीटों की घोषणा हो जाएगी और इस पर बीजेपी प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देगी.
राहुल गांधी पर मांझी का तंज
वहीं, राहुल गांधी की यात्रा पर 'हम' नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत सारे नेता यात्रा करते हैं. इसका चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? यह जल्दबाजी होगी. फायदा या नुकसान होगा इसके लिए भारत की जनता राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रौढ़ हो चुकी है. जनता जो सामने दिखती है वह अंदर में नहीं होती है. ईवीएम में अपनी इच्छा को बताते हैं. अभी 2024 में किसी से कंपटीशन नहीं है. हो सकता है 2029 तक पीएम का दावा कर सकते हैं. ऐसी लोकप्रियता है.
ये भी पढे़ं: Bihar Politics: महागठबंधन में 10 से अधिक सीटों की कांग्रेस ने की मांग, अखिलेश सिंह ने पशुपति पारस को दिया ऑफर