पटना: राजधानी पटना में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की ओर से बापू सभागार में पंचायत स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन शुक्रवार को किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान 'हम' संयोजक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बहुत सारी मांग की तो वहीं, उन्होंने 2013 के एहसान का बदला चुकाने की भी बात कही. मांझी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि जिस तरह सरकार बनाने के लिए विधायकों का खरीद फरोख्त किया जा रहा था. महागठबंधन की ओर से हमको बड़े-बड़े ऑफर मिले.


हमको मुख्यमंत्री बनाने की बात की गई, लेकिन हमने मना कर दिया और नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए हमने चारों विधायकों के साथ समर्थन दिया. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने हमको मुख्यमंत्री बनाया था इसलिए हमने अब उसका बदला चुका दिया है.


ठेकेदारी में महिलाओं को आरक्षण मिले- जीतन राम मांझी 


जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार से युवाओं को सहायता राशि देने और ठेकेदारी में महिलाओं को आरक्षण देने की मांग की. इस दौरान उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए हुए नीतीश कुमार के करीबी नेताओं पर भी हमला किया. मांझी ने कहा कि हमने नीतीश कुमार से कई बार बात की है. नीतीश कुमार कुछ करना भी चाहते हैं, लेकिन नीतीश कुमार के पास एक कैकेयी नहीं है, उनके पास दो तीन कैकेयी है, जो नीतीश जी कुछ करना चाहते ही तो वो लोग उनसे कुछ और करवा देते हैं.


'शराबबंदी पर समीक्षा करनी चाहिए'


शराबबंदी कानून पर हमेशा नीतीश कुमार के फैसले को लेकर हमला करने वाले जीतन राम मांझी ने आज फिर इस कार्यक्रम में शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम लोग को चुनाव में 40 सीट में से 20 भी चुनाव में विजयी करावाएं तो हम बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करवा देंगे. मांझी ने नीतीश कुमार से मांग की कि गुजरात मॉडल पर शराब बिकनी चाहिए. शराबबंदी पर एक बार फिर मुख्यमंत्री को समीक्षा करनी चाहिए.


सामुदायिक भवन के मुद्दे पर सीएम को घेरा


इतना ही नहीं 'हम' संयोजक ने नीतीश कुमार की सरकार में भ्रष्टाचार पर भी बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि आवास बनाने के लिए 1,20000 मिलता है इसमें 40000 घूस देना पड़ता है. सीएम नीतीश से हम कहना चाहते हैं कि इसके लिए तीन लाख दीजिए. आप इतना घर बनवा रहे हैं वह 3 लाख से कम में कैसे घर बनेगा? इसके बाद उन्होंने कहा कि सामुदायिक भवन बनाने के लिए 28 लाख रुपये दिया जाता है. हम दावा के साथ कहते हैं 28 लाख में हम तीन सामुदायिक भवन बनवा देंगे तो वह सब पैसा कहां जाता है?


हम सरकार में हैं अब यही सब बात बोलेंगे तो नीतीश जी हम पर बिगड़ेंगे और कहेंगे मांझी यह क्या बोल दिया, लेकिन नीतीश जी हम पर बिगड़ते हैं तो बिगड़े हम जनता की बात करते हैं.


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