Jitan Ram Manjhi को रामायण की इस पंक्ति से घोर आपत्ति, उठाए कई सवाल, महाकाव्य के ज्ञाता से भी मांगा जवाब
Nawada News: शनिवार को एबीपी ने नवादा में जीतन राम मांझी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने रामचरितमानस वाले विवाद को लेकर भी कई बातें कहीं हैं.
नवादा: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने रविवार को नवादा के कौवाकोल के सोखोदेवरा जेपी आश्रम से गरीब संपर्क यात्रा की शुरुआत की है. उन्होंने सबसे पहले जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इससे पहले शनिवार को एबीपी से खास बातचीत में उन्होंने रामायण की कुछ पंक्तियों को गलत बताया है और उसे हटाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि रामायण को हम भी मानते हैं, मेरे लिए भी पूज्य महाकाव्य है. उन्होंने कहा कि रामायण से ही रामचरितमानस का सृजन हुआ है और रामायण को वाल्मीकि जी ने लिखा है. फिर भी वाल्मीकि जी की जयंती क्यों नहीं मनाई जाती है. उनको क्यों नहीं पूजा जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर कई तरह के सवाल उठाए हैं.
नारी नीर नीच कटी धावा चौपाई से आपत्ति
नारी नीर नीच कटी धावा, ढोल गवार शुद्र पशु नारी सकल ताड़ना के अधिकारी, पूज्य विप्र शील गुण हीना.... रामायण के चौपाइयों पर जीतन राम मांझी ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि वह उनकी बात मानते हैं, लेकिन इसमें नारी नीर नीच कटी धावा क्यों बोला गया है उसमें कुछ अच्छी बातें भी तो हैं. उन्होंने कहा कि या तो इसे मिटा देना चाहिए या जो रामायण के मर्मज्ञ हैं उन्हें वह काट देना चाहिए. उनका कहना है कि हम जाति की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन नारी जो 50 प्रतिशत है और आधुनिक युग में नारी सशक्तिकरण की बात कही जा रही है तो इसमें नारी को नीच बताया जा रहा है. रामायण के ज्ञाता को इसका जवाब जरूर देना चाहिए.
'हमें हंस की तरह होना चाहिए'
आगे उन्होंने कहा कि की हम रामचरितमानस को खराब नहीं कह सकते क्योंकि उसमें बहुत ही अच्छी अच्छी बातें लिखी हुई हैं. हम जहां जाते हैं वहां रामायण की ही बात करते हैं इससे अच्छा महा ग्रंथ कोई हो ही नहीं सकता है. राजनीति के लिए यह अच्छी महाकाव्य है. इसमें कहा गया है कि दूसरों की भलाई करने से पुण्य होता है. रामचरितमानस की चौपाइयां पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी पंक्तियां है जिसके चलते लोग कुछ करते हैं, लेकिन हम नहीं समझते कि कुछ करना चाहिए. उनका कहना है कि हमें हंस की तरह होनी चाहिए. जैसे हंस पानी से दूध निकालकर पी लेता है वैसे ही हमें रामचरितमानस से दूध और पानी को अलग कर लेना चाहिए.
यह भी पढ़ें- 'IPS Vikas Vaibhav को किसी का भय नहीं', CM की फटकार के बाद भी ट्विटर पर आवाज बुलंद, जानें अब क्या बोले ऑफिसर