MLC सीट नहीं मिलने से खफा हुए जीतन राम मांझी, कहा- अन्याय किया गया
पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हमने कैबिनेट के माध्यम से जरूर अधिकृत कर दिया था, लेकिन सहयोगी दलों से बातचीत कर लेना चाहिए था कि वो करने क्या जा रहे हैं.
पटना: लंबे इंतजार के बाद बुधवार को सूबे में राज्यपाल कोटा के 12 विधान पार्षदों का मनोनयन किया गया. लेकिन विधान पार्षदों के मनोनयन के बाद एनडीए में अंतर्कलह शुरू हो गया है. एनडीए घटक दल के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस फैसले से खुश नहीं हैं. जीतन राम मांझी ने खुले तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. वे एमएलसी की एक भी सीट नहीं मिलने से खफा है.
जीतन राम मांझी ने कही ये बात
हम सुप्रीमो ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ. राज्यपाल कोटा के 12 सीटों में से उनकी पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को कम से कम एक-एक सीट देना चाहिए था. हालांकि, इसपर कोई फैसला लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखा जाएगा, अभी फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है.
इससे पहले उनके पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा था कि बिहार विधान परिषद के लिए जिन 12 सदस्यों का मनोनयन हुआ है, वह एनडीए से राय मशविरा करके नहीं हुआ है. नीतीश कुमार जी को हमने कैबिनेट के माध्यम से जरूर अधिकृत कर दिया था, लेकिन सहयोगी दलों से बातचीत कर लेना चाहिए था कि आप करने क्या जा रहे हैं.
बातचीत कर लेना चाहिए थे फैसला
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि ना ही आपने हम से बात की और ना ही वीआईपी से बस अपने फैसले को सभी पर थोप दिया. इस बात से हमारे पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी अक्रोश है. हमें लगता है कि हम ऐसे मोड़ पर आ कर खड़े हो गए हैं, जहां हमें कड़ा डिसीजन लेना होगा. यह कहीं से सही नहीं है. हम गठबंधन का अंग हैं और हमसे बातचीत करना चाहिए था. फैसला थोप कर सही नहीं किया गया है.
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