Jivitputrika Vrat 2023: संतान की लंबी आयु के लिए एक मां अपने बेटे के लिए जितिया करती है. कई जगहों पर इसे जीवित पुत्रिका व्रत, जितिया या जिउतिया भी कहते हैं. इस बार तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है. अगर आपको भी जीवित पुत्रिका व्रत को लेकर तिथि या फिर मुहूर्त आदि के बारे में संशय है तो फिर अभी दूर कर लीजिए. इस साल जीवित पुत्रिका व्रत छह अक्टूबर को है और इस दिन खास संयोग भी बन रहा है.


जितिया का पारण किस समय करें? (Jitiya Paran Time)


ज्योतिषाचार्य के अनुसार जितिया में अष्टमी तिथि में नवमी तिथि नहीं मिलना चाहिए लेकिन सात अक्टूबर को ये दोनों तिथियां मिल रही हैं. इसके अलावा इस व्रत में शाम में प्रदोष काल में पूजा का विधान है. इस साल प्रदोष काल में अष्टमी तिथि छह अक्टूबर को मिल रही है, इसलिए निर्जला व्रत छह अक्टूबर को रखकर सात को पारण करना चाहिए. जितिया का पारण करने का शुभ मुहूर्त सात अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद है.


क्या बन रहा है खास संयोग?


छह अक्टूबर को शुक्रवार और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गई है. शुक्रवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी पूजा-पाठ और कार्य शुभ फलदायी होते हैं. ऐसे में छह अक्टूबर को खास संयोग बन रहा है.


जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त जानें (Jitiya Shubh Muhurt 2023)


दरअसल, जितिया व्रत करने वाली महिलाओं को 24 घंटे का निर्जला व्रत करना होता है. जितिया व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में बात करें तो छह अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर खत्म होगा. अगर ब्रह्म मुहूर्त की बात की जाए तो यह सुबह 04 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा और 05 बजकर 28 पर खत्म होगा. अष्टमी तिथि की शुरुआत छह अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से होगी और समाप्ति अगले दिन सात अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगी.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


यह भी पढ़ें- JP Nadda Bihar Visit: कैलाशपति मिश्र की जयंती पर आज पटना में जेपी नड्डा, बिहार दौरे के पीछे क्या है पूरा प्लान?