Murder of Rajdev Ranjan: बिहार में हुए चर्चित पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड (Rajdev Ranjan) ने बिहार (Bihar) की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी थी. लेकिन अब 6 साल के बाद देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) की भी पोल खोल दी है. दरअसल 'हिन्दुस्तान' के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में गवाह बदामी देवी ने कोर्ट में उपस्थित होकर खुद के जीवित होने की दलील दी, जिसे सीबीआई ने मृत घोषित कर दिया था.    


झूठी रिपोर्ट जमा करने पर सीबीआई को कारण बताओ नोटिस जारी
बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने राजदेव रंजन हत्याकांड की सुनवाई के दौरान एक गवाह के पेश होने पर उसकी मौत की झूठी रिपोर्ट जमा करने को लेकर शुक्रवार को सीबीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उसे मृत घोषित कर दिया था. एडिशनल सेशन जज पुनीत कुमार गर्ग ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए उसे इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 20 जून से पहले अपना जवाब देने को कहा है.


2016 में हुई थी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या
हिंदी दैनिक ‘हिंदुस्तान’ के पत्रकार राजदेव रंजन की 2016 में पांच अपराधियों ने सीवान में घर जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी थी. इससे पहले सीबीआई ने गवाह बादामी देवी से पूछताछ के लिए सम्मन जारी करने की मांग की थी जिसे अदालत ने जारी किया था. हालांकि बाद में 24 मई को केंद्रीय जांच एजेंसी ने बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया और अदालत के समक्ष उनकी मृत्यु सत्यापन रिपोर्ट भी पेश की थी.


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गवाह बोली यह एक साजिश है
कोर्ट में शुक्रवार को पेश होते हुए बादामी देवी ने अपने हलफनामे में कहा,, "मैं सीवान में अपने कसेरा टोली स्थित आवास में रह रही हूं. मुझे इस मामले में गवाह बनाया गया था लेकिन सीबीआई का कोई अधिकारी मुझसे नहीं मिला. हालांकि सीबीआई ने मुझे मृत घोषित कर दिया जिसका पता मुझे समाचार पत्रों से चला. यह एक साजिश है."


जांच की सबसे बडी एजेंसी का कार्य संदिग्ध- वकील
याचिकाकर्ता के वकील शरद सिन्हा ने कोर्ट के समक्ष कहा, "जांच की सबसे बडी एजेंसी का कार्य संदिग्ध प्रतीत होता है. अब यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि सीबीआई ने इस तरह का काम एक अन्य गवाह की मिलीभगत से किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि सीबीआई विशेष रूप से विजय कुमार और अजहरुद्दीन बेग को झूठे तरीके से फंसाने के लिए एक बड़ा खेल खेल रही है." उन्होंने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि सीबीआई का कृत्य अजीब और चौंकाने वाला है.


बता दें कि बिहार सरकार ने 17 मई 2016 को राजदेव रंजन हत्याकांड की सीबीआई से गहन जांच के लिए सिफारिश की थी. सीबीआई ने 15 सितंबर 2016 को मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने इस मामले में राजद के पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से भी पूछताछ की थी. हालांकि शहाबुद्दीन ने दावा किया कि घटना के वक्त वह जेल में थे.


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