बिहार के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी,स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग पर अड़े
डॉक्टरों का कहना है कि वे लोग मरीज के हित में जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करना चाहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अब तक इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है.
पटना: बिहार के जूनियर डॉक्टरों ने इस बार समझौता नही करने का मन बना लिया है.स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर गए डॉक्टर किसी भी सूरत में मानने को तैयार नहीं हैं. पटना के पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर लगातार धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी हड़ताल में अब इंटर्न डॉक्टरों ने भी साथ देना शुरु कर दिया है.
जूनियर डॉक्टरों की मांग स्टाइपेंड बढ़ाने को लेकर है. इनका कहना है कि जनवरी 2020 से ही स्टाइपेंड बढ़ाया जाना था. इस मांग पर डॉक्टर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नही है. बताते चलें कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के पीजी डॉक्टर पिछले 5 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.
पीजी डॉक्टरों ने राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक 3 वर्षों पर स्टाइपेंड बढ़ाए जाने का सरकार ने आदेश जारी किया था. जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि 1 जनवरी 2020 से ही पीजी डॉक्टरों का स्टाइपेंड बढ़ जाना चाहिए था लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी अब तक स्टाइपेंड में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. डॉक्टरों का कहना है कि वे लोग मरीज के हित में जल्द से जल्द हड़ताल खत्म करना चाहते हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अब तक इस दिशा में कोई भी पहल नहीं की गई है.
बताते चलें कि सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के लगभग 1,000 जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है.जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से राज्य के सभी नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई मरीज इलाज के अभाव में लौट रहे हैं, कई ऑपरेशन की तिथि टाल दी गई है.