Kanwar Yatra Controversy: यूपी की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने कहा है कि यात्रा मार्ग पर दुकानों के संचालक या मालिक को अपनी पहचान लिखनी होगी. इस फैसले के बाद पूरे देश में जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है. वहीं, बिहार बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के फरमान को सही बताया है. अब बिहार में भी 'यूपी मॉडल' अपनाने की मांग होने लगी है. बीजेपी के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने शनिवार को कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान बिहार में भी दुकानदारों को अपना नाम प्लेट लगाना चाहिए.


बीजेपी ने बिहार और झारखंड में की बड़ी मांग


प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कांवड़ यात्रा आस्था और पवित्रता का प्रतीक है. उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से यह पहल की गई है उसके बाद अब बिहार में भी करोड़ों लोग कांवड़ यात्रा करते हैं. ऐसे में इन कांवरियों के पवित्रता को ध्यान में रखकर कांवड़ के रूप में पड़ने वाले दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर अपने नाम का उल्लेख करना चाहिए सिर्फ बिहार ही नहीं झारखंड की सरकार को भी इसे पालन करना चाहिए क्योंकि सुल्तानगंज से जल उठाकर कांवरिया देवघर में जल डालते हैं. कांवरियों के पवित्रता को बरकरार रखने के लिए यह कदम जरूरी है.


योगी सरकार ने दिया है ये फैसला


बता दें कि 22 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. योगी सरकार ने कहा है कि यात्रा मार्ग पर दुकानों के संचालक या मालिक को अपनी पहचान लिखनी होगी. कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए सरकार ने कहा है कि ये फैसला लिया गया है. आदेश के अनुसार, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री ये जान सकें कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं. इस आदेश के बाद पूरे देश में बहस छिड़ गई है. कई दल इसका विरोध कर रहे हैं. एनडीए के कई दल भी इस फैसले को समर्थन में नहीं हैं.


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