पटना: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) में कांग्रेस के शानदार जीत का शनिवार को जश्न मनाया. महागठबंधन में जेडीयू (JDU) और आरजेडी (RJD) के साथ-साथ कांग्रेस भी महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगी है. दशकों से प्रदेश में कांग्रेस (Congress) मुख्यालय के रूप में काम कर रहे ऐतिहासिक सदाकत आश्रम परिसर में जश्न का माहौमल दिखा. कर्नाटक में पार्टी को मिली शानदार जीत के बाद पार्टी कार्यकर्ता यहां ढोल बजा रहे हैं, मिठाइयां बांट रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी के नेता जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.


कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि परिणाम दिखाते हैं कि बजरंग बली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नाराज हो गए हैं और कांग्रेस को आशीर्वाद दिया है. भ्रष्टाचार के मुद्दे को गौण करने और धार्मिक आधार पर वोटों के ध्रुवीकरण का बीजेरी का प्रयास उल्टा पड़ा. कर्नाटक में शर्मनाक हार के बाद अब बीजेपी को अगले साल लोकसभा चुनाव में विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. वह विपक्ष की भूमिका बेहतर निभाती है, लेकिन सत्ता में आने पर हमेशा लड़खड़ा जाती है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी इस खुशी में शामिल है. पार्टी इस बात को लेकर भी उत्साहित है कि बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करके नीतीश ‘राष्ट्रीय भूमिका’ में आ रहे हैं, हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री ने स्वयं को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानने से इंकार कर दिया है.


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि 'कर्नाटक में बीजेपी ने हर हथकंडा अपना लिया यहां तक कि साम्प्रदायिक कार्ड भी जमकर खेला. प्रधानमंत्री ने भी इस स्तर पर उतर कर चुनाव प्रचार किया जो उनकी कद को शोभा नहीं देता है, लेकिन कर्नाटक में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के आगे सभी हथकंडे विफल रहे और राज्य अब बीजेपी मुक्त होने वाला है.'


ललन सिंह ने कि 'पिछले कुछ समय में बीजेपी कर्नाटक और दिल्ली नगर निगम की सत्ता से बाहर हुई है. इस साल मध्य प्रदेश भी बीजेपी मुक्त होना चाहिए और 2024 में देश भी, बस इंतजार करें.'


महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने एक बयान में कहा कि कर्नाटक का जनादेश स्पष्ट संदेश दे रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद, संभवत: नए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई सरकार का गठन'
वरिष्ठ समाजवादी नेता ने इस पर भी जोर किया कि 'यह बीजेपी से ज्यादा नरेन्द्र मोदी की हार है जिन्होंने रात-दिन एक करके चुनाव प्रचार किया, जिस तरह से उन्होंने बजरंग बली के नाम की माला जपी वह दिखाता है कि उन्हें अपने पद की गरिमा की जरा भी फिक्र नहीं है.'


शिवानंद तिवारी ने कहा कि कर्नाटक का चुनाव परिणाम साक्ष्य है कि बजरंग बली का नाम लेकर, बोगेश्वर बाबा का आशीर्वाद पाकर और हनुमान चालीसा तथा मंदिरों की घंटियों के शोर में गरीबी और बेरोजगारी के मुद्दे को दबाकर चुनाव नहीं जीता जा सकता.


वहीं, केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से जब कर्नाटक चुनाव के बारे में सवाल किया गया तो वह बचाव की मुद्रा में नजर आए. उन्होंने कहा कि मैं परिणामों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा. वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व सांसद रविशंकर प्रसाद ने कर्नाटक में भाजपा की हार पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.


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