ABP CVoter Survey: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न देने का ऐलान किया है. आज (बुधवार, 24 जनवरी) कर्पूरी ठाकुर की सौवीं जयंती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. सवाल ये है कि क्या कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला करके मोदी सरकार ने विपक्ष की ओबीसी वाली राजनीति की हवा निकाल दी है.


दरअसल, कर्पूरी ठाकुर ही वो नेता थे जिन्होंने देश में सबसे पहले ओबीसी आरक्षण लागू किया था. माना जा रहा है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का फैसला कर बीजेपी ने एक बड़ी लकीर देश की सियासत में खींच दी है. इसका असर देश की सियासत पर क्या होगा इसको लेकर एबीपी न्यूज़ के लिए सी वोटर ने त्वरित सर्वे किया है. बिहार में किए गये सर्वे में 1 हजार 280 लोगों की राय शामिल है.


BJP को बिहार से बाहर भी फायदा होगा?


सर्वे में सवाल किया गया कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने से BJP को बिहार से बाहर भी फायदा होगा? इसपर 43 फीसदी लोगों ने कहा कि हां फायदा होगा. वहीं 38 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया. 19 फीसदी ने कहा कि पता नहीं.


BJP ने विपक्ष से जातीय राजनीति का मुद्दा छीन लिया?


साथ ही सर्वे में सवाल किया गया कि क्या कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर BJP ने विपक्ष से जातीय राजनीति का मुद्दा छीन लिया? इसपर 44 फीसदी ने हां कहां. वहीं 35 फीसदी ने नहीं में जवाब दिया. 21 फीसदी ने कहा पता नहीं.


बता दें कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के साथ ही बिहार में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने कहा कि ये हमारी पुरानी मांग थी. मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी का धन्यवाद भी किया.


वहीं पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को कर्पूरी ठाकुर के आदर्श विचारों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए. कर्पूरी ठाकुर सादगी के लिए जाने जाते थे. बेहद गरीबी और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए वे राष्ट्र जीवन में बहुत ऊंचे मुकाम पर पहुंचे थे.


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