Karpoori Thakur: कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के एलान पर RJD बोली- 'वोट के लिए केंद्र ने लिया फैसला'
Bharat Ratna: कर्पूरी ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया था. 24 जनवरी को उनकी जयंती है.
Bihar News: बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मरणोपरांत भारत रत्न देने का फैसला किया है. इस पर बिहार से कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी. इसी कड़ी में आरजेडी का भी रिएक्शन सामने आया है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि चुनाव के वक्त बीजेपी को कर्पूरी ठाकुर की याद आई है. नौ सालों तक उनकी याद नहीं आई ये तो हम लोगों के दबाव में ये फैसला केंद्र सरकार को लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि हमारे नेता लालू यादव और हमारी पार्टी लगातार ये मांग कर रही थी कि उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए. अब जब चुनाव नजदीक हैं तो कर्पूरी ठाकुर याद आ रहे हैं, वोट के लिए. आरजेडी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोगों ने कर्पूरी ठाकुर को अपमानित किया.
24 जनवरी को उनकी 100 जयंती है. कर्पूरी ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 तक और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. उनका 17 फरवरी, 1988 को निधन हो गया था. 24 जनवरी को उनकी जयंती है. बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर राज्य में दलितों और पिछड़ों के हितों में कदम उठाने वाले बड़े नेता माने जाते हैं, उन्हें जननायक कहा जाता है और राज्य की राजनीति में आज भी उनके समर्थक सभी राजनीतिक दलों में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं. केंद्र सरकार बुधवार को उनकी 100वीं जन्म जयंती के अवसर पर दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बड़ा कार्यक्रम करने जा रही है, जिसमें केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे. बिहार में राजनीतिक बदलाव की आहट और संभावना को देखते हुए इसे बीजेपी सरकार का मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है.
सीएम नीतीश ने जाहिर की खुशी
सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई. सीएम नीतीश ने एक्स पर लिखा, "पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है."