पटना: नीतीश सरकार (Nitish Government) में कानून मंत्री रहे कार्तिक कुमार (Kartik Kumar) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) से राहत मिली है. विधान पार्षद कार्तिक कुमार की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली गई है. पटना हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की थी. बुधवार को हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया. इससे पहले पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रख लिया था जिसे बुधवार को सुनाया गया. 


क्या है पूरा मामला?


मामला 2014 का है. 14 नवंबर 2014 को बिहटा थाने में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह के अपहरण का केस हुआ था. कांड संख्या 859/2014 दर्ज किया गया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि अपहर्ता 18 की संख्या में पांच स्कॉर्पियो पर सवार होकर आए थे. उन्होंने राजू सिंह का अपहरण कर लिया था. इसमें कार्तिक कुमार का भी नाम था. कार्तिक कुमार को 16 अगस्त 2022 को कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वह 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. महागठबंधन सरकार में कानून मंत्री भी बन गए. इसके बाद खूब बवाल हुआ. कार्तिक कुमार फरार भी हो गए. पद से इस्तीफा भी दे दिया.


चुनाव प्रचार करते रहे कार्तिक कुमार


अनंत सिंह के करीबी और आरजेडी एमएलसी कार्तिक मास्टर नीलम देवी के लिए मोकामा में प्रचार करते रहे. उप चुनाव के दौरान जब उनकी प्रचार करने वाली तस्वीर सामने आई तो इसकी चर्चा होने लगी कि जिसे पुलिस नहीं खोज पा रही वो चुनाव प्रचार कर रहा है. उप चुनाव के दिन कार्तिक मास्टर से एबीपी न्यूज ने बात की थी. कार्तिक ने कहा था कि यहां से आरजेडी प्रत्याशी नीलम देवी जीतेंगी. बीजेपी टक्कर में नहीं है. हालांकि जैसा कार्तिक कुमार ने कहा वैसा हुआ भी. इस उप चुनाव में नीलम देवी को मोकामा से जीत मिली है.


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