कटिहार: जिले के अमदाबाद प्रखंड के 14 गांव ऐसे हैं जहां बेटियों की शादी से पहले अनोखी शर्त रखी जाती है. शर्त पूरी होने के बाद ही लड़की वाले अपनी बेटी देते हैं. शादी तय होने के समय और पहले भी लड़की वाले लड़के वाले की पूरी जांच पड़ताल करते हैं और शर्त पर खरा उतरने के बाद लड़के को उसकी दुल्हनिया दी जाती है. शादी से पहले लड़की वाले लड़के वाले से पूछते हैं कि उनके पास नाव है या नहीं. अगर आपके पास नाव नहीं है तो फिर शादी भूल जाइए. हालांकि लड़का अगर पसंद आ जाए तो इस स्थिति में होने वाले दामाद को उपहार में नाव ही दे दी जाती है. 


बेटी की शादी लड़के वाले के घर नाव होने पर ही करते


यह कोई परंपरा नहीं है बल्कि बाढ़ ग्रस्त इलाका होने के कारण मजबूरी है. अमदाबाद प्रखंड होकर महानंदा और गंगा नदी गुजरती है. भीषण बाढ़ आने के कारण जमकर कटाव होता है. इससे व्यापक रूप से जानमाल की क्षति होती है और आवागमन की समस्या हो जाती है. करीब चार महीने तक इस इलाके के लोग दहशत में रहते हैं. बाढ़ के कारण सड़कें डूब जाती हैं. अस्पताल, प्रखंड मुख्यालय या कहीं और जाना हो तो इन 14 गांवों के लोगों के लिए नाव ही एकमात्र साधन होता है. इन्हीं कारणों की वजह से लोग इन गांव में अपनी बेटी की शादी कराने के लिए पहले लड़के वाले के घर नाव है या नहीं इसकी पड़ताल करते हैं. अगर नाव नहीं रहती है तो अपनी बेटी का रिश्ता नहीं करते हैं.



नाव नहीं रहने के कारण पोते का रिश्ता टूटा


मेघु टोला गांव के भोला सिंह के यहां भी लड़की वालों ने नाव नहीं रहने के कारण रिश्ता ठुकरा दिया था. भोला सिंह ने बताया कि अपने पोते की शादी का रिश्ता जिले के मनसाही प्रखंड के बंगुरी टाल गांव में तय की थी. लड़की के परिजनों ने घर में नाव की तहकीकात की थी. मेरे यहां नाव नहीं रहने के कारण लड़की वालों ने रिश्ता नहीं किया.


उपहार में दिया नाव तब कराई बेटी की शादी


भगवान टोला के रतन सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल के मथुरापुर में अपने बेटे की शादी कराई. बताया कि संबंध जोड़ने से पहले मेरे पुत्र वधू के परिजनों ने ग्रामीण और आसपास के लोगों से पता किया कि मेरे पास नाव है या नहीं. उन लोगों को पता चला कि मेरे पास नाव नहीं है. उन्हें मेरा बेटा काफी पसंद था और यह रिश्ता छोड़ना नहीं चाह रहे थे. उन्होंने पहले उपहार स्वरूप नाव बनवा कर दिया तब मेरे बेटे से अपनी बेटी की शादी कराई.



पश्चिम बंगाल और झारखंड सीमा से जुड़ता है यह प्रखंड


अमदाबाद प्रखंड पश्चिम बंगाल और झारखंड से जुड़ता है. ऐसे में बिहार के अलावा झारखंड और पश्चिम बंगाल से भी लोग इन गांवों में अपने बेटे और बेटी का रिश्ता करते हैं, लेकिन अपनी बेटी की शादी करने वाले लोग यहां के बाढ़ की समस्या को लेकर कतराते भी हैं. 


अहमदाबाद के इन प्रखंडों में में रहती है समस्या


अमदाबाद प्रखंड के पार दियारा, चौकिया पहाड़पुर, भवानीपुर खट्टी, दक्षिणी करीमुल्ला, उत्तरी करी मुल्लापुर व दुर्गापुर पंचायत के हरदेव टोला, चौक चामा, भगवान टोला, घीसु टोला, मेघु टोला, लक्खी टोला, नया टोला गोविंदपुर, गदाई दियारा, गोपी टोला, गोविंदपुर बाहर साल, भारत टोला, कीर्ति टोला, घेरा गांव, मुरली राम टोला यह वह गांव है जहां चार महीनों तक बाढ़ और कटाव की समस्या रहती है. 


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