कटिहार: बिहार के कटिहार जिले में बीते दिनों सरकारी स्कूल के शिक्षक के बाजार में मिड डे मील के खाद्यान के खाली बोरे बेचने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो वायरल होने के बाद कदवा प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक तमीजउद्दीन पर शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था. हालांकि, शिक्षक के निलंबन के बाद शिक्षक संघ के सदस्य सरकार और विभाग से उनके निलंबन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.


कोर्ट जाने की कही बात


वहीं, संघ के सदस्य शिक्षक तमीजउद्दीन द्वारा बोरा बेचने के कार्य को सही ठहराते हुए सरकार और शिक्षा विभाग के निर्देश का पालन करने की बात कह रहे हैं. विभागीय आदेश के विरोध में कटिहार जिला मुख्यालय के प्रखंड से लेकर सभी प्रखंडों में प्राथमिक शिक्षकों द्वारा सरकार और विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया गया है. शिक्षकों का मांग है कि यथाशीघ्र शिक्षक मो. तमीजउद्दीन का निलंबन वापस लिया जाय. अन्यथा न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा.


इस बाबत शिक्षक संजीव कुमार चौधरी ने बताया कि हम सरकार की किसी भी नीति और आदेश के खिलाफ नहीं है. सरकार के आदेश पर ही हमारे जिलाध्यक्ष तमीजउद्दीन ने बोरे बेचे, लेकिन अलोकतांत्रिक तरीके से उन्हें निलंबित कर दिया गया. मामले में स्पष्टीकरण देने से पहले ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. ये बिल्कुल गलत है. ऐसे में विभाग जल्द से जल्द आदेश को वापस ले और तमीजउद्दीन को ड्यूटी पर लौटने का आदेश दे.


बोरे बेच कर जमा करने थे पैसे 


दरअसल, विभाग का आदेश था कि वर्ष 2014-15 और 2015-16 के एमडीएम खाद्यान के जो भी खाली बोरे हैं, उन्हें 10 रुपया प्रति बोरा के दर से बेचकर उक्त राशि को मध्यान भोजन के सरकारी रोकड़ में जमा करना है. इसकी जिम्मेवारी स्कूल के प्रधानाचार्य को दी गई थी. इसी आदेश का पालन करने के लिए शिक्षक तमीजउद्दीन फटे पुराने बोरे का बंडल माथे पर लेकर उसे बेचने निकल गए. बोरे तो नहीं बिके पर शिक्षक को इस कार्य का खामियाजा भुगतना पड़ गया. विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया है.


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