Kawad Yatra 2024: कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद ढाबों और ठेलों पर मालिकों के नाम लिखने वाले आदेश को लेकर यूपी की योगी सरकार की हर तरफ से आलोचना हो रही है. जहां विपक्ष इस मामले को लेकर योगी सरकार समेत बीजेपी पर निशाना साध रहा था. अब बीजेपी के सहयोगी दल भी इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. जहां पहले यूपी में एनडीए का हिस्सा राष्ट्रीय लोक दल ने इस फैसले को गलत बताया था. वहीं अब बिहार में एनडीए गठबंधन में शामिल जेडीयू ने भी सवाल उठाए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी इस आदेश को गलत बताया है. 


केसी त्यागी ने कहा, "इससे बड़ी यात्रा बिहार में निकलती है. वहां इस तरह का कोई आदेश नहीं है. प्रधानमंत्री की जो व्याख्या है.  'सबका साथ-सबका-विकास- सबका विश्वास' वाली पीएम मोदी की जो भारतीय समाज और एनडीए के बारे व्याख्या है, उसमें ये लगाए गए प्रतिबंध, पीएम मोदी के इस व्याख्या के विरुद्ध हैं.


उन्होंने आगे कहा कि इस नियम पर पुनर्विचार हो तो अच्छा है. हम एनडीए को खुशहाल और मजबूत होते देखना चाहते हैं. पीएम मोदी की कीर्ति कम ना हो, यह चाहते हैं. इसलिए चाहते हैं कि यह नियम वापस हो. इस नियम पर समीक्षा होनी चाहिए.


RLD ने भी फैसले को बताया गलत
वहीं जेडीयू के अलावा बीजेपी के एक और सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक दल ने भी इस फैसले को गलत बताया है. आरएलडी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रमुख रामाशीष राय ने योगी सरकार की इस एडवाइजरी पर कहा कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकान पर अपना नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाती और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है. प्रशासन इसे वापस लें यह गैर संवैधानिक फैसला है.


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