Bihar News: बिहार की 13 करोड़ आबादी में क्या सिर्फ सात लाख कायस्थ हैं? दरअसल ये सवाल बिहार के सियासी गलियारों में बवाल मचाए हुए है. पूरे बिहार में रविवार को चित्रगुप्त पूजन धूम धाम से किया गया. राजधानी पटना में 70 से ज्यादा जगहों पर भगवान चित्रगुप्त की पूजा के लिए पंडाल बनाए गए थे, लेकिन इस पूजा के बीच चर्चा का विषय ये बना रहा कि बिहार में आखिर कायस्थ जाति के कितने लोग रहते हैं?
बिहार सरकार ने हाल के समय में जातीय आधारित गणना की गई थी जिसमें कायस्थ समाज का आंकड़ा 0.60% बताया गया था. इस आंकड़े को लेकर सवाल भी खड़े हुए थे, लेकिन अब कायस्थ समाज के लोगों ने अपनी जाति की संख्या और समाज को एकजुट करने के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है. कायस्थ चेतना समिति ने बीते दिन संपन्न हुए चित्रगुप्त पूजा के दौरान पूजा पंडालों में अभियान चलाया. पटना जिले में 70 से ज्यादा बने पूजा पंडाल में कायस्थ चेतना समिति ने बैनर लगाकर क्यूआर कोड स्कैनर लगाकर कायस्थ समाज से अपील की कि आप अपनी भागीदारी और संख्या सुनिश्चित करें.
कायस्थ चेतना समिति ने शुरू किया अभियान
कायस्थ समाज के इस अभियान के लिए लगाए गए पोस्टर में लिखा गया है कि क्या बिहार की 13 करोड़ की आबादी में मात्र 7 लाख कस्यथ हैं? अगर आपका जवाब नहीं है तो कायस्थ चेतना अभियान से जुड़कर ऑनलाइन पंजीयन कराएं जिससे वास्तविक संख्या बल के आंकड़े हम प्रस्तुत कर सकें. इस मैसेज के साथ कायस्थ समाज ने बिहार सरकार के आंकड़े के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिस आंकड़े में जातीय आधारित गणना के तहत बताया गया कि बिहार में कायस्थ जाति की संख्या महज 0.6 प्रतिशत है.
कायस्थ समाज नीतीश सरकार के आंकड़े से हैं नाराज
कायस्थ चेतना समिति ने अपने अभियान के साथ अब यह स्पष्ट कर दिया है कि जैसे ही उनका यह अभियान पूरा होगा उसके बाद आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाएगा और सवाल सीधे सरकार से होगी. कायस्थ चेतना समिति का यह अभियान कितना सफल होगा यह तो वक्त तय करेगा, लेकिन मैसेज साफ है कि जाति आधारित गणना की रिपोर्ट से शायद कायस्थ समाज नाराज हैं और अपनी जाति के लोगों को एकजुट करने में लग गया है.
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