King Mahendra Story: कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं, घर की गरीबी देख गांव छोड़ा, मुंबई गए तो ‘किंग’ बनकर लौटे महेंद्र
गोविंदपुर गांव के एक साधारण भूमिहार परिवार में महेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ था पिता वासुदेव सिंह एक अत्यंत साधारण किसान थे. आज इनकी दवा कंपनी देश के 10 बड़े कंपनियों में से है.
जहानाबादः देश के सबसे अमीर राज्यसभा सांसद महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र के निधन से जहानाबाद जिले और उनके पैतृक गांव गोविंदपुर में शोक की लहर है. एक तरफ बीते रविवार को किंग महेंद्र का दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया तो दूसरी ओर इसकी खबर आते ही गांव के लोगों मायूसी छा गई. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. देश की प्रतिष्ठित दवा कंपनी एरिस्टो एवं मैपरा के चेयरमैन थे. इनकी दवा कंपनी देश के 10 बड़े कंपनियों में से है. कंपनी के पास तकरीबन पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक प्रॉपर्टी है. उनके पास अपनी निजी संपत्ति भी तकरीबन 4000 करोड़ रुपये की है.
जहानाबाद जिला मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूर मोदनगंज प्रखंड के गोविंदपुर गांव के एक साधारण भूमिहार परिवार में महेंद्र प्रसाद का जन्म हुआ था पिता वासुदेव सिंह एक अत्यंत साधारण किसान थे. घर की तंग हालत को देखते हुये 1964 में वे गांव छोड़कर मुंबई चले गए थे. आखिरकार वहां दवा इंडस्ट्री में प्रतिष्ठित होने के बाद वे तकरीबन 16 साल बाद वह जहानाबाद 1980 में लोकसभा चुनाव लड़ने लौटे. उन्होंने सीपीआई से धमाकेदार जीत दर्ज की.
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जीत के बाद से पूरे इलाके ही नहीं राजनीति के गलियारों में इन्हें किंग महेंद्र के नाम से जाना जानें लगा. किंग महेंद्र 1985 में जहानाबाद लोकसभा चुनाव लड़े और सीपीआई के रामाश्रय यादव से चुनाव हार गए. इसके बाद राजीव गांधी के बेहद करीबी होने के नाते वे कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा पहुंच गए. उसके बाद से वह लगातार राज्यसभा के सदस्य रहे. यह उनका सातवां टर्म था. भले ही उनकी पार्टियों की सदस्यता बदलती रही हो, लेकिन हुए हर बार राज्यसभा पहुंचने में सफल रहे.
कई सामाजिक कार्यों के लिए किए जाएंगे याद
किंग महेंद्र के कई सामाजिक कार्य जहानाबाद में देखने को मिलती है. स्थानीय लोगों की मांग पर गरीब और वंचित लोगों के बीच उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ओकरी, जहानाबाद में एक कॉलेज की शुरुआत की. इससे उन लड़कियों को भी मदद मिली जी ने उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं मिलती थी. उनके परोपकारी कार्यों ने उन्हें युवाओं के बीच एक कल्ट के रूप में स्थापित कर दिया. उनके साथ साये की तरह रहने वाले भाई और अरिस्टो फार्मा के एमडी उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू ने बताया कि भैया के सपनों को हर हाल में पूरा किया जाएगा और विकास और सेवा का सफर जारी रहेगा.
इधर, जिले के सपूत के निधन शोक लहर है. पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार, डॉ. जगदीश शर्मा, विधायक सुरेंद्र यादव, पूर्व विधायक अभिराम शर्मा, शिक्षाविद प्रो. चंद्रिका यादव, कांग्रेस नेता मार्कण्डेय आजाद उर्फ ललन, जनमुक्ति आंदोलन के हरिलाल यादव एवं बीजेपी के अजीत शर्मा ने गहरी संवेदना व्यक्त की.
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