किशनगंज: कश्मीर को अलग राष्ट्र बताए जाने के मामले में शिक्षा विभाग द्वारा बड़ी कारवाई की गई है. बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा संभाग प्रभारी प्रणव शंकर झा को बर्खास्त कर दिया गया है. दरअसल क्लास 7 के अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में कश्मीर को अलग देश बताया गया था. इसके बाद एबीवीपी, बीजेपी, बजरंगदल द्वारा जिले में उग्र आंदोलन करते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की गई थी.
संभाग प्रभारी प्रणव शंकर झा को दोषी पाया गया
मामला गर्म होने के बाद विभागीय मंत्री विजय कुमार चौधरी के निर्देश पर डीएम श्रीकांत शास्त्री द्वारा जांच के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. जांच कमेटी द्वारा मामले की गहनता से जांच की गई जिसमें संभाग प्रभारी प्रणव शंकर झा को दोषी पाया गया, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला ?
बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा आयोजित कक्षा सात के अर्ध वार्षिक परीक्षा के दौरान अंग्रेजी के प्रश्न पत्र में यह सवाल पूछा गया था कि चीन के नागरिक को...., इंग्लैंड के......, नेपाल के.....भारत के........ और इसी के साथ कश्मीर के नागरिक को...... क्या कहते हैं? जिसके बाद सरकार को आड़े हाथों लेते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बीजेपी नेताओं ने शिक्षा विभाग पर यह आरोप लगाया था कि पीएफआई और राजद समर्थकों में गठजोड़ की वजह से यह सवाल किया गया है और सरकार जवाब दे कि क्या वो कश्मीर को भारत का अंग नहीं मानती
प्रभारी प्रणव शंकर झा से स्पष्टीकरण मांगा गया
प्रश्न पत्र मामले पर कारवाई की मांग तेज होने पर डीएम द्वारा 16 अक्टूबर 2022 को जांच टीम का गठन किया गया था. गठित जांच कमेटी ने 20 अक्टूबर 2022 को रिपोर्ट सौंपते हुए वृहत दंड की अनुशंसा की थी. जिसके बाद 3 नवंबर को साधन सेवी संभाग प्रभारी प्रणव शंकर झा से स्पष्टीकरण मांगा गया. प्रणव शंकर झा द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण की समीक्षा के उपरांत इसे स्वीकारयोग्य नहीं माना गया. वहीं अब विभागीय कार्रवाई करते हुए प्रणव शंकर झा की सेवा को समाप्त कर दिया गया है.
क्या कहते हैं बीजेपी जिला अध्यक्ष
प्रश्न पत्र मामला उजागर होने के बाद बीजेपी ,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बजरंगदल नेताओं ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया था.वहीं अब कार्रवाई होने पर सभी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए इसे राष्ट्रवाद की जीत बताया है. बीजेपी जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों के द्वारा बच्चों के जेहन में जो जहर भरने की कोशिश की गई थी उनके लिए यह बड़ा सबक है.
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