पटना: एक तरफ आज गुरुवार (13 जुलाई) को पटना में बीजेपी की ओर से विधानसभा मार्च (Vidhan Sabha March) किया जा रहा है तो इससे पहले शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि 13 जुलाई को राज्यभर के सरकारी स्कूलों का अधिकारी निरीक्षण करें. जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि गायब रहने वाले शिक्षक सस्पेंड किए जाएंगे. एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.


दरअसल, शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक की ओर से यह पत्र जारी किया गया है. स्कूलों में निरीक्षण की जिम्मेदारी जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी और अन्य पदाधिकारियों को दी गई है. स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करने के लिए कहा गया है. गायब मिले तो सस्पेंड किए जाएंगे और इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी होगी.


शिक्षक भर्ती नियमावली समेत कई मुद्दों पर आज विधानसभा मार्च


पत्र में भड़काने वाले शिक्षकों को लेकर भी आदेश जारी किया गया है. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी. दरअसल, आज बीजेपी गांधी मैदान से विधानसभा मार्च कर रही है. इसमें सांसदों-विधायकों के अलावा तमाम शिक्षक संघ के नेता, शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों के शामिल होने की संभावना है. ऐसे में सियासी मार्च में शिक्षक इसका हिस्सा न बनें इसलिए शिक्षा विभाग की ओर से चिट्ठी जारी की गई है. शिक्षक बहाली की नई नियमावली, तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग समेत कई अन्य मुद्दों पर बीजेपी सरकार को घेरेगी.


बता दें कि बीजेपी मांग करेगी की शिक्षक भर्ती नियमावली में हुए बदलाव को वापस लिया जाए. जो संशोधन हुआ उसके तहत बिहार में शिक्षक बनने के लिए बिहार का स्थाई निवासी होना जरूरी नहीं है. दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शिक्षक बनने के लिए आवेदन दे सकते हैं. इसी का विरोध यहां के अभ्यर्थी कर रहे हैं. वहीं सीएम नीतीश मॉनसून सत्र के बाद शिक्षक अभ्यर्थियों से बात करेंगे. जो समस्या है उसको जानेंगे. 


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