KK Pathak VS Governor: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और राज्यपाल के बीच अभी तकरार जारी है. अब केके पाठक ने राज्यपाल के आदेश पर गंभीर आपत्ति जताया है. उन्होंने राजभवन सचिवालय को शिक्षा विभाग के कार्य में हस्तक्षेप नहीं करने की सलाह दी है. केके पाठक ने राज्यपाल सचिवालय को शुक्रवार को पत्र भेजा है और नसीहत दी है. केके पाठक ने कहा है कि आपको धारा 9(7) (2) शक्ति प्रदान करता है. उन्होंने राज्यपाल सह कुलाधिपति से सवाल पूछा है कि चांसलर को यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के बीच विद्रोह भड़काने और अराजकता पैदा करने की अनुमति है क्या? 


केके पाठक ने पूछे सवाल


राजभवन सचिवालय को लिखे पत्र में केके पाठक ने आगे कहा है कि चांसलर शक्ति का प्रयोग कर आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते. यह अधिकार आपको नहीं है. राज्यपाल सचिवालय का 21 दिसंबर 2023 के आदेश का हवाला देते हुए केके पाठक ने कहा है कि किस कानून के मुताबिक आप प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा से संबंधित मामले को निपटने का अधिकार रखते हैं? किस हैसियत से आपने सभी वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया?


बैठक में शामिल नहीं होने का दिया था आदेश


दरअसल, राजभवन ने 29 फरवरी 2024 को पत्र जारी कर वीसी को शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने का आदेश दिया था. केके पाठक ने राज्य विधायिका द्वितीय अधिनियम धारा 7 का जिक्र करते हुए कहा है कि इस धारा के तहत चांसलर, कुलपति, रजिस्टार, डीन जैसे अन्य अधिकारी के साथ-साथ यूनिवर्सिटी का एक अधिकारी होता है. प्रोक्टर इसे जारी नहीं कर सकता है.


 कुलाधिपति के निर्देश पर गंभीर आपत्ति


केके पाठक ने इसके साथ ही राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्यू से सवाल पूछा है कि क्या आपने राज्यपाल के आदेश से मुझे अवगत कराया है. यदि आदेश राज्यपाल की ओर से है तो मुझे यह बताने के अलावा कुछ नहीं कहना कि कुलाधिपति की कुर्सी उच्च संवैधानिक स्थिति होती है इसलिए यह अधिक उपयुक्त होता कि आप मुख्यमंत्री या फिर मंत्री से संवाद करते.


केके पाठक ने बुलाई थी बैठक


दरअसल, राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं. यूनिवर्सिटी की परीक्षा, सत्र समेत अन्य व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर आईएएस केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के वीसी की बैठक बुलाई थी. पाठक अब तक कुल छह बार बैठक बुला चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर बैठक में शामिल नहीं हुए. राज भवन की ओर से मनाही के बाद वीसी बैठक से दूर रहे.


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