Bihar TET Certificate Validity : शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) एक पात्रता परीक्षा होती है, जो हर साल सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए करवाई जाती है, जिसे टीईटी या टेट कहा जाता है. बिहार में टेट की वैलिडिटी अब ताउम्र के लिए कर दी गयी है लेकिन क्या आपको पता है कि यह फैसला कब लिया गया है. आइये आपको बताते हैं .


7 साल से बढाकर लाइफटाइम तक की गयी अवधि


बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि टेट को पास करने के प्रमाणपत्र की अवधि  बिहार में भी ताउम्र हो गयी है. यह फैसला राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा देश के अन्य राज्यों की तरह ही लिया गया है. इससे पहले टेट के प्रमाणपत्र की वैध अवधि सिर्फ 7 साल की थी जिसे बढ़ा कर अब ताउम्र कर दिया गया है.


पिछले साल जून में लिया गया फैसला


बिहार में टेट के प्रमाणपत्र की अवधि को लेकर यह फैसला पिछले साल 9 जून को लिया गया था. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के 9 जून को जारी पत्र द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाणपत्र की वैधता 11 फरवरी 2012 के प्रभाव से ताउम्र किया. इस आदेश के अनुसा बिहार में हुए पहले टेट के लिए जारी प्रमाणपत्र की अवधि मई 2012 के प्रभाव से ताउम्र के लिए मान्य की गयी है. भविष्य में होने वाले टेट के प्रमाणपत्र की मान्यता भी जीवनभर रहेगी.


क्या होता है टेट?


टेट का पूरा नाम टीचर एलिजिबिटी टेस्ट होता है. ये एक भारतीय एंट्रेंस टेस्ट है जो की सरकारी अध्यापकों के लिए रखा गया है. सरकारी टीचर्स के लिए इस परीक्षा को पास  करना अनिवार्य है. ये टेस्ट उन लोगों के लिए है जो लोग कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं. इनमे दो तरह के एग्जाम होते हैं जिसमे एक पेपर क्लास 1 से लेकर क्लास 5 तक के लिए होता है और दूसरा पेपर क्लास 6 से लेकर क्लास 8 तक के लिए होता है और यह राज्य सरकार द्वारा कराया जाता है.


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