पटना: राजधानी पटना में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क सचिव अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जीतेन्द्र श्रीवास्तव, अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू और जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे काम के संबंध में जानकारी दी.


सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण और बाढ़ की स्थिति को लेकर सरकार की ओर से समीक्षा कर लगातार आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. कल बिहार विधान मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश की ओर से दोनों सदनों में इन विषयों पर विस्तार से निर्देश दिया गया था. सरकार का फोकस मुख्य रूप से कोविड-19 की जांच की संख्या को बढ़ाना है. उद्योग के क्षेत्र में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने हैं. सभी सुयोग्य परिवारों को राशन कार्ड मिले और उन्हें राशन मिले, ये सरकार की प्राथमिकता है. सभी बाढ़ पीड़ितों को एसओपी के तहत पूरी सहायता मिले. सचिव सूचना ने बताया कि बाढ़ कि स्थिति में सुधार हुआ है.


अनुपम कुमार ने बताया कि गैर राशन कार्डधारी सुयोग्य परिवारों के लिए 23 लाख 38 हजार 990 नए राशन कार्ड बने हैं. इनमें से अब तक 22 लाख 81 हजार 407 राशन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं. इस प्रकार करीब 98 प्रतिशत राशन कार्डों का वितरण किया जा चुका है. राशन कार्ड विहीन परिवारों को इससे काफी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि रोजगार सृजन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है और लॉकडाउन पीरियड से लेकर अभी तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 12 करोड़ 51 लाख 31 हजार से अधिक मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है.


वीडियो कांफ्रेंसिंग में सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 2,252 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 40,760 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं. बिहार का रिकवरी रेट 65.71 प्रतिशत है. 03 अगस्त को कोविड-19 के 2,464 नए मामले सामने आए हैं. वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 20,921 एक्टिव मरीज हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में बिहार राज्य में 38,215 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 6,87,154 है.


जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने बताया कि गंडक नदी में मंगलवार 12 बजे दिन में 1,55,600 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति स्थिर है. पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में हल्की वृद्धि दर्ज की गई है. गंगा नदी का जलस्तर गांधी घाट में मंगलवार सुबह 6 बजे 47.90 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है. कोसी नदी का आज 12 बजे दिन में 1,86,985 क्सूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है.


उन्होंने बताया कि सोन नदी का आज 12 बजे दिन में 15,368 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है. बागमती नदी का जलस्तर ढ़ेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद और हायाघाट स्थलों पर खतरे के निशान से क्रमशः 0.19 मीटर, 0.11 मीटर, 1.67 मीटर, 0.96 मीटर, एवं 2.24 मीटर ऊपर है. कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर वीयर और झंझारपुर रेलपुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से क्रमशः 0.15 मीटर एवं 0.95 मीटर ऊपर है.


महानंदा नदी का जलस्तर ढ़ेंगराघाट गेज स्थल पर खतरे के निशान से 0.01 मीटर ऊपर है और तैयबपुर में खतरे के निशान से 0.20 मीटर नीचे है. अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर एवं पुपरी गेज स्थल पर खतरे के निशान से क्रमशः 0.55 मीटर एवं 0.41 मीटर ऊपर है और सोनवर्षा गेज स्थल पर खतरे के निशान से 2.95 मीटर नीचे है. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेलपुल, रोसड़ा रेलपुल और खगड़िया पर खतरे के निशान से क्रमशः 1.07 मीटर, 2.57 मीटर, 3.87 मीटर एवं 1.24 मीटर ऊपर है.


बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण मुजफ्फरपुर के सकरा के पास नया उच्चतम जलस्तर 51.42 मीटर दर्ज हुआ, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 55 सेंटीमीटर अधिक है. इसके साथ ही समस्तीपुर के रोसड़ा के पास नया उच्चतम जलस्तर 46.47 मीटर दर्ज हुआ, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से 12 सेंटीमीटर अधिक है.


जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने बताया कि मुख्य अभियंता गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध और बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन और मुख्य अभियंता मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है. जल संसाधन विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है.


आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 120 प्रखंडों की 1,152 पंचायतें प्रभावित हुई हैं, जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. इन सभी 17 राहत शिविरों में कुल 17,916 लोग आवासित हैं.


उन्होंने बताया कि 1,365 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9,52,481 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से करीब 4,40,507 लोगों को निष्क्रमित किया गया है. उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रुपये की राशि दी जाती है और अभी तक 03 लाख 05 हजार 190 परिवारों के बैंक खाते में कुल 183.11 करोड़ रुपये जीआर की राशि भेजी जा चुकी है.


ऐसे परिवारों को एसएमएस के माध्यम से सूचित भी किया गया है. मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है.


अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है. पिछले 24 घंटे में 05 कांड दर्ज किये गये हैं और 04 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस दौरान 462 वाहन जब्त किए गए हैं और 11 लाख 62 हजार 700 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. इस तरह 01 अगस्त से अब तक 17 कांड दर्ज किए गए हैं और 21 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है. कुल 2,468 वाहन जब्त किए गए हैं और 60 लाख 46 हजार 300 रुपए की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है.


उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वाले लोगों पर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है. पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 4,870 लोगों से 02 लाख 43 हजार 500 रुपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गई है. इस तरह 01 अगस्त से अब तक मास्क नहीं पहनने वाले 19,119 लोगों से 09 लाख 55 हजार 950 रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है. कोविड-19 से निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों और नए दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं.


लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को राज्य सरकार की ओर से हर घर नल का जल योजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश में इस काम को करने में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग अग्रसर रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी राज्य सरकार ने हर घर नल का जल योजना को इससे मुक्त रखा था, उसी का नतीजा है कि विभाग ने लॉकडाउन में काम करते हुए काफी प्रगति हासिल की है. 56 हजार 80 वार्ड लक्ष्य के रुप में चिन्हित हैं, उसके विरुद्ध अभी तक 31,717 वार्ड यानि कि लगभग 60 प्रतिशत से ऊपर काम पूर्ण किया जा चुका है.


उन्होंने बताया कि 90 लाख हाउस होल्ड कनेक्शन का लक्ष्य है, उसमें 50.75 लाख हाउस कनेक्शन दिया जा चुका है. लॉकडाउन की अवधि में लगभग 18 हजार 41 वार्डों में 31 लाख 78 हजार हाउस कनेक्शन दिए गए हैं. अभी तक विभाग द्वारा लगभग 60 प्रतिशत घरों में हाउस कनेक्शन दिया जा चुका है. जल्द ही इस योजना को लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण कर लिया जाएगा. केन्द्र सरकार ने इस योजना को सराहा है और जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हर घर नल का जल योजना की पहचान स्थापित होगी.


लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि इसके अलावा विभाग को जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत कुंओं के जीर्णोद्धार का काम भी सौंपा गया है. अभी तक 3,316 कुंओँ का जीर्णोद्धार किया जा चुका है. ये लक्ष्य का लगभग 50 प्रतिशत से ऊपर है. हर घर नल का जल का अनुश्रवण सही समय पर हो सके, इसके लिए विभाग की ओर से आईओटी डिवाइस के माध्यम से अनुश्रवण स्थापित करने की प्रक्रिया की जा रही है. इससे रियल टाइम में सूचना प्राप्त होगी कि हमारी कौन सी योजना चल रही है. यह एक बहुत बड़ा इनोवेशन है. राज्य सरकार की पहल पर हमलोग इसको लागू कर रहे हैं. भारत सरकार ने भी इस इनोवेशन को सराहा है. भारत सरकार भी जल्द ही अपनी योजनाओं में इसे लागू करने को लेकर रणनीति तैयार कर रही है.


लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर पर निर्णय हुआ था कि एक संयुक्त स्टेट वाटर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए, जहां संयुक्त रूप से पंचायती राज और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की योजनाओं का रियल टाइम में मॉनिटरिंग हो सके. स्टेट वाटर कंट्रोल रूम स्थापित हो जाने से रियल टाइम में लगभग एक लाख 10 हजार से अधिक योजनाओं की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. इसको लेकर दोनों विभाग की ओर से कमिटियां गठित हैं. जल्द ही इसको स्थापित करने को लेकर कार्रवाई शुरू हो जाएगी.


लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लगभग 34 हजार चापाकल की मरम्मती की गई है. इसके अलावा 3 हजार नये चापाकल लगाए गए हैं. अभी हाल में स्थापित किए गए क्वारंटाइन सेंटर्स में भी विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. स्थापित किए गए 5,350 क्वारंटाइन सेंटरों में 29 हजार शौचालयों का निर्माण किया गया था. करीब 12 हजार महिला स्नानागार का निर्माण किया गया था. करीब साढ़े पांच हजार चापाकल लगाए गए थे.


सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण ने बताया कि क्वालिटी को लेकर विभाग मुस्तैद है. उन्होंने बताया कि त्रि-स्तरीय इंस्पेक्षन के पष्चात ही योजनाओं के जरूरी सामान की आपूर्ति ली जाती है और त्रि-स्तरीय जांच के बाद ही योजना बंद की जाती है.