जानिए- बिहार में सबसे बड़ा और छोटा कार्यकाल किस मुख्यमंत्री का रहा है?
लालू और राबड़ी देवी के बाद जेडीयू की सरकार आई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. हालांकि नीतीश कुमार सिर्फ सात दिन के लिए ही सीएम रहे.साल 1961 के बाद पहली बार 1990 ऐसा हुआ कि राज्य ने अपना सीएम बदला और उस सीएम ने अपना कार्यकाल पूरा किया.
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नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनावों के बीच आज पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन हो गया. वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे. दिलचस्प बात यह है कि वह सिर्फ पांच दिन के लिए ही राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. शुरूआत से ही बिहार की राजनीति ने काफी उतार चढ़ाव देखे. पहले मुख्यमंत्री कृष्ण सिंह साल 1946 में सीएम की कुर्सी पर बैठे और साल 1961 तक इस पद पर काबिज रहे. हालांकि इसके बिहार में कोई ज्यादा समय तक अपनी कुर्सी नहीं बचा पाया. जानिए बिहार में सबसे बड़ा और छोड़ा कार्यकाल किस मुख्यमंत्री का रहा है.
सबसे छोटा और सबसे बड़ा कार्यकाल- सबसे छोटा कार्यकाल- पांच दिन- कांग्रेस के सतीश प्रसाद सिंह (28 जनवरी 1968 से एक फरवरी 1968)
- सबसे बड़ा कार्यकाल- 9 साल 179 दिन- जेडीयू के नीतीश कुमार (24 नवंबर 2005 से 20 मई 2014)
29 सालों में 24 बार बदले गए मुख्यमंत्री
बिहार में साल 1961 से लेकर साल 1990 तक 24 बार मुख्यमंत्री बदले गए. यानी 29 सालों में 24 बार बिहार की सत्ता लगातार परिवर्तन के दौर से गुजरी. हालांकि साल 1961 के बाद पहली बार 1990 ऐसा हुआ कि राज्य ने अपना सीएम बदला और उस सीएम ने अपना कार्यकाल पूरा किया. इनका नाम था लालू प्रसाद यादव. 1990 तक बिहार में छह बार राष्ट्रपति शासन लगा.
90s में लालू-राबड़ी रहे मुख्यमंत्री
लालू यादव साल 1995 तक बिहार के सीएम रहे. इसके बाद एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा. हालांकि चार अप्रैल 1995 को राज्य की गद्दी एक बार फिर लालू यादव को ही मिली. लेकिन सिर्फ दो साल के लिए. इसके बाद लालू ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन वह भी दो साल ही सीएम रह पाईं. राज्य में फिर राष्ट्रपति शासन लगा. इसके बाद मार्च 1999 में राबड़ी देवी दूसरी बार बिहार की सीएम बनीं और पूरे एक साल तक यानी साल 2000 तक मुख्यमंत्री रहीं.
राष्ट्रपति शासन के बीच बदलती रही सत्ता
लालू और राबड़ी के बाद जेडीयू की सरकार आई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. हालांकि नीतीश कुमार सिर्फ सात दिन के लिए ही सीएम रहे. इसके बाद बिहार की राजनीति ने फिर करवट ली और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनीं. राबड़ी साल 2000 से 2005 तक मुख्यमंत्री रहीं और अपना कार्यकाल पूरा किया. इसके बाद राज्य में फिर नौ महीने के लिए राष्ट्रपति शासन रहा.
नवंबर साल 2005 में राज्य में एक बार फिर नीतीश कुमार की वापसी रही. इस बार वह साल 2014 यानी करीब नौ सालों तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. हालांकि इसके तुरंत बाद नीतीश ने जितन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया. मांझी करीब नौ महीनों तक मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद साल 2015 में राज्य में फिर विधानसभा चुनाव हुए और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और वर्तमान तक हैं.
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