पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर (Prof. Chandrashekhar) ने हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है. इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है. राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कई दिग्गजों ने इस बयान का विरोध किया है. वहीं, डॉ. कुमार विश्वास (Dr. Kumar Vishwas) ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर शिक्षा मंत्री के मनस्ताप शांत के लिए उपाय भी बताया है.
'शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है'
डॉ. कुमार विश्वास ने ट्वीट कर लिखा है कि 'आदरणीय नीतीश कुमार भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है. आपका मेरे मन में अतीव आदर है. इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूँ. इन्हें “अपने अपने राम” सत्र में भेजें ताकि इनका मनस्ताप शांत हो'
दीक्षांत समारोह में दिया था ये बयान
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर बुधवार को पटना के नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि रामचरितमानस समाज को बांटने वाला और नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. इस दौरान प्रो. चंद्रशेखर छात्रों को रामचरितमानस के कई चौपाई को सुनाया और उसका अर्थ बताते हुए कहा कि जब हमारा ग्रंथ ही समाज को बांटने वाली बातों को बता रहा है, जिससे बांटने का काम हो सकता है लेकिन प्रेम बनाने का काम नहीं हो सकता है.
बीजेपी ने बोला हमला
वहीं, इस बयान को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि 'रामचरितमानस' पर बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बयान निंदनीय है. शिक्षा मंत्री नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में ये बयान दे रहे हैं, जहां उन्होंने धार्मिक घृणा पर आधारित ऐसी मूर्खतापूर्ण राय पेश की. तेजस्वी यादव को प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और इस देश के हिंदुओं से माफी मांगनी चाहिए.