पटना: बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट (Kurhani By Elections 2022) पर पांच दिसंबर को उपचुवाव है. उपचुनाव में कुल 13 प्रत्याशी मैदान में हैं. देखा जाए तो सीधा टक्कर महागठबंधन से जेडीयू उम्मीदवार मनोज कुशवाहा और बीजेपी के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता का है. केदार गुप्ता और मनोज कुशवाहा दोनों ही पूर्व मुखिया होने के साथ साथ विधायक रह चुके हैं. जेडीयू की ओर से साल 2015 तक मनोज कुशवाहा (Manoj Kushwaha) कुढ़नी में विधायक थे. इसके बाद आरजेडी से अनिल साहनी (Anil Sahni) बने और इनकी विधायिकी जाने के बाद ये उपचुनाव कराया जा रहा है.
कौन होगा किंग मेकर
चुनाव का पुराना इतिहास देखें तो साल 2015 में केदार गुप्ता ने जेडीयू के मनोज कुशवाहा को हराया था. जहां केदार प्रसाद गुप्ता को 73227 और मनोज कुशवाहा को 61657 वोट मिले थे. इस तरह मनोज कुशवाहा 11570 वोट से हार गए थे. केदार गुप्ता पर बीजेपी ने इस चुनाव में भी दांव खेला है. गुप्ता बीजेपी से हमेशा जुड़े रहे हैं और उनके भरोसेमंद माने जाते हैं. लोगों में भी उनकी पकड़ अच्छी है. कुछ वक्त पहले हुए किसी दुर्घटना में गुप्ता चर्चित रहे थे. अभी बीजेपी उनकी जीत के लिए एड़ी चोटी की जोर लगा रही है. हालांकि देखा जाए तो कुढ़नी में हर बार चुनाव में अलग समीकरण देखने को मिलता है. रिपोर्ट्स की मानें तो जेडीयू का पलड़ा भारी है. मनोज कुशवाहा लोगों में काफी लोकप्रिय हैं. लोगों की मानें तो वो एक सुलभ नेता रहे हैं. जेडीयू से हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं.
2020 से कितना अलग हो सकता चुनाव
साल 2020 में आरजेडी से अनिल साहनी विजयी हुए थे. जेडीयू के मनोज कुशवाहा चुनाव में नहीं उतरे थे. 2020 में चुनाव में बीजेपी का भी प्रदर्शन अच्छा रहा था. मात्र 712 मतों से केदार गुप्ता हारे थे और अनिल साहनी ने चुनाव जीता था. इस बार का चुनाव भी काफी दिलचस्प होगा. पिछली बार बीजेपी कुछ मतों से हारी थी. इस बार मैदान में बीजेपी के सामने महागठबंधन से जेडीयू उम्मीदवार हैं. पिछली बार एनडीए सरकार थी. हालांकि दोनों में मुख्यमंत्री नीतीश ही रहे और हैं. साल 2022 का उपचुनाव इस बात पर भी डिपेंड करता है कि पब्लिक क्या चाहती है. चुनाव प्रचार में दोनों पार्टियों के नेता ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद दो दिसंबर को चुनावी सभा में कुढ़नी पहुंचे थे. तेजस्वी यादव, मांझी, ललन सिंह समेत महागठबंधन के तमाम नेताओं ने जीत के लिए हुंकार भरी. उधर, वीआईपी के मुकेश सहनी और एमएआईएएम प्रत्याशी भी उपचुनाव में गेम चेंजर हो सकते हैं. चुनाव का इतिहास देखा जाए तो तीसरे नंबर का कैंडिडेट गेम चेंजर होता है. कल पांच दिसंबर को वोटिंग के बाद सभी प्रत्याशियों का भाग ईवीएम में कैद हो जाएगा. आठ दिसंबर को रिजल्ट की घोषणा की जाएगी.