पटना: राज्य में जातीय जनगणना (Caste Based Census) पर जारी विवाद को लेकर वार पलटवार का दौर जारी है. विपक्ष के नेता खासकर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मुख्यमंत्री पर हमलावर हैं और आए दिन उन्हें घेरते हुए नजर आते हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री को डरपोक और कमजोर बताया. तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री जातीय जनगणना नहीं कराएंगे क्यूंकि उनमें इतनी ताकत ही नहीं है. वे केवल बातें ही करते रहेंगे. हालांकि, उनके इस बयान पर अब उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने प्रतिक्रिया दी है.
मुख्यमंत्री को सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
कुशवाहा ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को उनसे इस मामले या किसी अन्य मामले पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. जिन शब्दों का वो इस्तेमाल करते हैं वो गलत है. सिर से पांव तक वो खुद कैसे हैं ये पूरे देश की जनता को पता है. ऐसे शब्दों का उपयोग उन्हें नहीं करना चाहिए. उन्हें तो इस मुद्दे पर राजनीति भी नहीं करनी चाहिए.
जातीय जनगणना के मुद्दे पर ना हो राजनीति
सर्वदलीय बैठक को लेकर तेजस्वी यादव की ओर से की गई टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि एक बार बैठक करके ही बातें तय हईं हैं. उन्हें बैठक से इतनी दिक्कत थी तो प्रधानमंत्री से मिलने क्यों गए थे. उस वक्त कहते कि मुख्यमंत्री खुद सक्षम हैं वो अकेले जाएं. कुशवाहा ने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर सभी सहमत है. मुख्यमंत्री ने कह भी दिया है कि सर्वदलीय बैठक होगी. बैठक में निर्णय लेकर राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी. ये मामला ऐसा है ही नहीं कि इस पर राजनीति हो. ये राज्य की जनता की हित से जुड़ा मामला है. अब अगर इसपर कोई राजनीति कर रहा है तो उस पर क्या कहा जा सकता है.
तेजस्वी यादव ने कही थी ये बात
बता दें कि शुक्रवार को तेजस्वी ने कहा था, " असल में मुख्यमंत्री में कलेजा नहीं है और होगा भी नहीं. वो कुछ नहीं कराएंगे. ये तो आरएसएस की गोद में बैठे हुए हैं. पूरी तरीके से संघ का चोला पहने हुए हैं और भारी डरपोक हैं. वो एक थके हुए और डरपोक मुख्यमंत्री हैं. इनको देशहित और जनता हित से कोई मतलब नहीं है. केवल अपना इंटरेस्ट है कि कुर्सी पर कैसे बने रहें. बिहार आज सबसे पीछे है. क्योंकि नीतीश कुमार की सरकार है."
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