(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
रोहतास के लाल दीपक ने UPSC की परीक्षा में मारी बाजी, सरकारी नौकरी के साथ करते थे परीक्षा की तैयारी
पहली अटेम्प्ट यूपीएससी परीक्षा निकालने के बाद दीपक ने बताया कि सफतला के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है. मेहनत और लगन से आगे बढ़ने की जरूरत है.
रोहतास: देश की सर्वोच्च परीक्षा यूपीएससी का परिणाम घोषित हो चुका है. इस बार भी बिहार के छात्र-छात्राओं ने अपना परचम लहराया है. बिहार के रोहतास के कोचस प्रखंड के डोइयां गांव निवासी दीपक सिंह ने यूपीएससी की परीक्षा में 686वां रैंक प्राप्त कर केवल जिले का ही नहीं बल्कि पूरे देश में बिहार का नाम रौशन किया है. परीक्षा उत्तीर्ण करने से दीपक के घर और आसपास के लोगों में खुशी की लहर है. सभी दीपक को बधाई दे रहे हैं.
बता दें कि दीपक वर्तमान में उत्तराखंड के लैंसडाउन में डीएफओ की पोस्ट पर तैनात हैं. 2017 में उनकी नियुक्ति वन विभाग में हुई थी. सरकारी नौकरी करने के साथ ही उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है.
दीपक सिंह ने बताया कि सुबह वह ड्यूटी जाते थे और रात में जब भी समय मिलता था, तब परीक्षा की तैयारी करते थे. उन्होंने बताया कि IAS बनकर वह समाज सेवा को प्राथमिकता देंगे. लोगों की सेवा करना ही उसका ध्येय रहेगा. दीपक ने कहा कि सफलता के लिए शॉर्टकट को ना अपनाते हुए मेहनत और लगन से आगे बढ़ने की जरूरत है.
दीपक ने बताया कि दसवीं तक की पढ़ाई उन्होंने सासाराम के बाल विकास विद्यालय से की, बारहवीं कक्षा की पढ़ाई 2006 में उन्होंने पटना के साइंस कॉलेज से पूरी की है. वहीं, 2011 में आइआइटी दिल्ली से सिविल इंजिनीरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे 2015 तक पीडब्लूसी कंसलटेंट के पद पर कार्यरत रहे. 2017 में भारतीय वन सेवा की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अभी डीएफओ के पद पर कार्यरत हैं.
बता दें कि दीपक के पिता हरेन्द्र सिंह गांव के ही पोस्ट ऑफिस में कार्यरत हैं, वहीं उनकी माता कमला देवी गृहणी हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा को लेकर दीपक को कभी किसी तरह की कमी नहीं आने दी. अब तो उनकी एक ही तमन्ना है कि वह पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी करते हुए देश सेवा करे. दीपक दो भाई और दो बहन हैं, भाईयों में दीपक बड़े हैं.