नई दिल्ली: जनता दल (यूनाइटेड) के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ललन सिंह के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह से सोमवार को मुलाकात की. सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक जेडीयू ने शनिवार को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था. 


केंद्र सरकार को लेना है अंतिम निर्णय


ललन सिंह ने पत्रकारों से कहा कि बिहार विधानसभा ने जाति के आधार पर जनगणना कराने के लिए 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, और अब केंद्र सरकार को अंतिम निर्णय लेना है. उन्होंने कहा कि शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले पर चर्चा की जाएगी.


बिहार में बीजेपी के कुछ नेताओं ने इस तरह के कदम के खिलाफ आपत्ति व्यक्त की है, इस बारे में पूछे जाने पर जेडीयू अध्यक्ष ने दावा किया कि वह उनके रुख से वाकिफ नहीं हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि बीजेपी ने भी विधानसभा में प्रस्ताव का समर्थन किया था. बता दें कि जेडीयू के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से समय मांगा था, लेकिन शाह से मिलने के लिए कहा गया.


नीतियों को तैयार करने में मदद मिलेगी


ध्यान देने वाली बात है कि गठबंधन का भागीदार होने के बाजवूद बीजेपी और जेडीयू के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है. कई जाति समूहों द्वारा अपने समुदाय के सदस्यों की संख्या को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के बीच जाति आधारित जनगणना कराने की पैरवी करते हुए जेडीयू अध्यक्ष ने कहा कि यदि इन सभी दावों को मान लिया जाए तो भारत की जनसंख्या वास्तविक संख्या से तीन गुना होगी. यह उल्लेख करते हुए कि आखिरी बार 1931 में जाति आधारित जनगणना कराई गई थी, उन्होंने कहा कि इससे सरकार को विभिन्न समुदायों को लक्षित करके अपनी विकास नीतियों को तैयार करने में भी मदद मिलेगी.


यह भी पढ़ें -


Janta Darbar: फरियाद सुनकर चौंके CM नीतीश कुमार, तुरंत चीफ सेक्रेटरी को बुलाकर कही ये बात


पेगासस मामला: विपक्ष को मिला नीतीश कुमार का 'साथ', कहा- इस मामले की जांच जरूर होनी चाहिए