एक्सप्लोरर
Advertisement
लालू यादव को आज जमानत मिली तो बाहर का रास्ता होगा साफ, दुमका ट्रेजरी मामले में काट चुके हैं आधी सजा
दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद 42 माह जेल में रह चुके हैं. ऐसे में आधी सजा काटने के आधार पर उन्हें जमानत मिल जाने की संभावना है.
रांची: चारा घोटाले के चार अलग-अलग मामलों में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ दुमका कोषागार से गबन के मामले में जमानत याचिका पर आज सुनवाई होगी. दुमका ट्रेजरी मामले में लालू आधी सजा काट चुके हैं. इस मामले में अगर उन्हें जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा.
लालू के वकील देवर्षि मंडल ने बताया कि इस मामले में अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई निर्धारित की है. उनका मामला रांची हाइकोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत देने की गुहार लगाई गयी है. कोर्ट सुबह 10.30 बजे खुलेगा. मामला कॉज लिस्ट में 17 नंबर है. सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी.
16 तरह की बीमारियों का भी किया है दावा
दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद 42 माह जेल में रह चुके हैं. ऐसे में आधी सजा काटने के आधार पर उन्हें जमानत मिल जाने की संभावना है. सजा की आधी अवधि काट लेने के आधार के अलावा लालू की ओर से उन्हें किडनी, हृदय रोग और शुगर सहित 16 तरह की बीमारियां होने का भी दावा किया गया है.
दुमका कोषगार से गबन के मामले में जमानत मिलती है तो आरजेडी सुप्रीमो जेल से रिहा हो जाएंगे. चारा घोटाले के चार मामलों में यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के दो मामले और देवघर के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.
ये भी पढ़ें-
बिहार: नीतीश के 'आखिरी चुनाव' वाले ऐलान पर चिराग ने कहा- '5 साल बाद हिसाब किससे लेंगे हम लोग?'
Bihar Election: निरहुआ ने हेमंत सोरेन पर साधा निशाना, कहा- गधों को ‘भारत माता की जय’ के नारे नहीं पसंद
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, राज्य और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
विश्व
छत्तीसगढ़
क्रिकेट
Advertisement
प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
Opinion