पटना/रांची: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की परेशानी बढ़ सकती है. झारखंड हाई कोर्ट की ओर से चारा घोटाले के सभी मामलों में लालू को जमानत दे दी गई है लेकिन इन दिनों देवघर कोषागार (Deoghar Treasury) का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है. सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. सीबीआई ने लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग है. गुरुवार (24 फरवरी) को इस पर आंशिक सुनवाई हुई. अब इस मामले में चार हफ्ते के बाद अगली सुनवाई की तारीख दी गई है.


याचिका में क्या कहा गया?


अगर फैसला सीबीआई के पक्ष में आता है तो निश्चित तौर पर लालू यादव को कुछ समय और जेल में बिताना पड़ सकता है. सीबीआई की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि लालू यादव को देवघर ट्रेजरी मामले में सिर्फ साढ़े तीन साल की सजा सुनाई गई थी जबकि उन्हें साढ़े सात साल की सजा होनी चाहिए थी. इसी को आधार बनाते हुए सीबीआई की ओर से याचिका दाखिल की गई है.


बता दें कि लालू प्रसाद, बेक जूलियस समेत कुल छह लोगों को तीन साल से छह साल तक की सजा सुनाई गई थी. सीबीआई की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है लालू प्रसाद यादव की इस मामले पर संलिप्तता देखते हुए उन्हें अधिकतम सात साल की सजा सुनाई जानी चाहिए. इस मामले में कोर्ट ने दो सजायाफ्ता फूलचंद सिंह और आरके राणा का नाम हटाने का आदेश दिया था. एक हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर कोर्ट को बताया गया था कि फूलचंद सिंह और आर के राणा की मृत्यु हो गई है. इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका से इनके नाम को हटाने का आदेश दिया था. सीबीआई की ओर से अधिवक्ता पीएएस पति ने पैरवी की थी.


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