पटना: बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती के 5 दिन बाद गुरुवार (26 अक्टूबर) को कांग्रेस ने प्रदेश कार्यालय (सदाकत आश्रम) में समारोह मनाया. खास बात यह रही कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने इस जयंती समारोह का उद्घाटन किया. लालू यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित (Present) हुए, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक तरह से अबसेंट (Absent) हो गए. सीएम नीतीश के मौजूद नहीं होने पर बीजेपी के नेता सवाल भी उठा रहे हैं तो वहीं इसकी वजह भी सामने आ गई है.
दरअसल, कांग्रेस के कार्यक्रम में लालू का आना और नीतीश का गायब रहना बिहार की सियासत के लिए यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इसके बारे में उन्हें जानकारी तो नहीं है लेकिन नीतीश कुमार की तबीयत ठीक है. गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल संसाधन विभाग के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
कांग्रेस ने कहा- सीएम नीतीश को नहीं किया गया था आमंत्रित
कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए नीतीश कुमार को आमंत्रित ही नहीं किया गया था. सिर्फ लालू प्रसाद यादव को बुलाया गया था क्योंकि श्रीकृष्ण बाबू की जयंती की शुरुआत लालू प्रसाद यादव ने ही अखिलेश प्रसाद से करवाया था. असित नाथ तिवारी ने कहा कि अखिलेश प्रसाद यादव लालू को अपना आदर्श मानते हैं. यही कारण रहा कि कांग्रेस के कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए.
उधर लालू प्रसाद यादव कार्यक्रम में शामिल हुए तो उन्होंने कांग्रेस, कांग्रेस के कार्यालय से लेकर प्रदेश अध्यक्ष को आगे बढ़ाने का सेहरा भी अपने सिर ले लिया. लालू ने अपने भाषण में यह भी बताया कि जिस मैदान में आज कार्यक्रम हो रहा है उस मैदान की स्थिति बदतर थी. उसे हमने ही ठीक कराया था. लालू ने यह भी कहा कि जब हम जेल में थे तो अखिलेश प्रसाद हमसे मिलने आए थे. तब हमने जेल से ही सोनिया गांधी को फोन किया था. उनसे कहा था तभी अखिलेश प्रसाद राज्यसभा सांसद बने थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस में कहीं दूरी तो नहीं हो रही?
कांग्रेस के कार्यक्रम में नीतीश कुमार के नहीं पहुंचने का कारण जो भी हो लेकिन इसे राजनीतिक पंडित अपने-अपने नजरिए से देख रहे हैं. इसे आने वाले चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. जेडीयू मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों को उतार रही है. पहली लिस्ट में पांच और फिर दूसरी लिस्ट में भी पांच प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है. इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि कहीं नीतीश कुमार और कांग्रेस में दूरी तो नहीं हो रही है?