पटनाः आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad yadav) के विधायक प्रेमशंकर यादव (Premshankar Yadav) की मुश्किल बढ़ सकती है. बीते बुधवार को गोपालगंज के बैकुंठपुर से विधायक प्रेमशंकर यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई थी. उनपर आरोप लगाया गया है कि विधायक ने चुनाव के दौरान अपने ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों समेत अपनी पत्नी की संपत्ति से जुड़ी जानकारियों को भी छिपाया है. प्रेमशंकर यादव ने 24 अगस्त को अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन सुनवाई की पिछली तारीख तक बचाव के लिए बयान दाखिल नहीं किया.


आज बयान दाखिल करने का समय


बताया जाता है कि न्यायालय द्वारा चार हफ्ते का समय दिया गया था, किंतु इस समय-सीमा में भी वे अपना लिखित पक्ष न्यायालय में नहीं रख सके. अब अदालत ने एक दिन की मोहलत देते हुए 25 नवंबर को बयान दाखिल करने का समय दिया है.


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क्या कहा याचिकाकर्ता ने?


याचिकाकर्ता मिथिलेश तिवारी (Mithilesh Tiwary) का कहना है कि विधायक ने चुनाव के दौरान दिए गए शपथ-पत्र में कई महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाया है. उमपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने पत्नी की संपत्ति से जुड़ी जानकारियों को छिपाया है. यह उनका निर्वाचन रद्द करने लिए पर्याप्त आधार है. इसलिए सही तथ्य को छुपाने के आलोक में उनका निर्वाचन अवैध करार दिया जाए.


कौन है मिथिलेश तिवारी?


2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में गोपालगंज के बैकुंठपुर से मिथिलेश तिवारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार थे. चुनाव में उनकी हार हुई थी. इस सीट से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर प्रेमशंकर यादव विधायक बने हैं. अब याचिका को लेकर पटना हाई कोर्ट ने विधायक को एक दिन की मोहलत दी है. आज प्रेमशंकर यादव को कोर्ट में जवाब देना होगा.



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