पटना: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट के बाद सियासत तेज है. आंकड़ों को लेकर जो भी सवाल उठाए जा रहे हैं उसको लेकर सरकार की ओर से साफ भी कर दिया है कि जो रिपोर्ट है वह सही है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने सोमवार (09 अक्टूबर) को ट्वीट करते हुए निशाना साधा था. कहा था कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा. लालू को उन्हीं के अंदाज में मंगलवार (10 अक्टूबर) को बीजेपी ने जवाब दिया है.


बीजेपी बोली- अपने समय में क्यों नहीं कराई जातीय गणना?


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि लालू यादव की यह बात सही है कि कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा, लेकिन बिहार में एक यह भी कहावत चलती है 'सूप दुसता है चलनी को, जिसमें कई छेद'. आपने अपने समय में जातीय गणना क्यों नहीं करवाई?


'जनाधार खिसक रहा तो जातीय गणना की हो रही बात'


प्रभाकर मिश्रा ने लालू को कहा कि आपने तो 15 साल बिहार में शासन किया. केंद्र में मनमोहन सिंह की 10 साल की सरकार थी उसमें आप मंत्री थे. उस वक्त आपको जातीय गणना की याद क्यों नहीं आई? आप इतना लेट क्यों कर दिए? जातीय गणना की शुरुआत एनडीए के शासनकाल में हुई है. अब आपका जनाधार खिसक रहा है तो जातीय गणना की बात आप कर रहे हैं.


लालू प्रसाद यादव ने क्या कहा था?


लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सोमवार की शाम लिखा- "जातिगत जनगणना के विरुद्ध जो भी लोग हैं वो इंसानियत, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बराबरी तथा समानुपातिक प्रतिनिधित्व के खिलाफ है. ऐसे लोगों में रत्ती भर भी न्यायिक चरित्र नहीं होता है. किसी भी प्रकार की असमानता एवं गैरबराबरी के ऐसे समर्थक अन्यायी प्रवृत्ति के होते हैं जो जन्म से लेकर मृत्यु तक केवल और केवल जन्मजात जातीय श्रेष्ठता के आधार एवं दंभ पर दूसरों का हक खाकर अपनी कथित श्रेष्ठता को बरकरार रखना चाहते हैं. कैंसर का इलाज सिरदर्द की दवा खाने से नहीं होगा."


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